क्रॉनिक थ्रॉम्बोएम्बोलिक पल्मोनरी हाइपरटेंशन का सफल इलाज

एम्स भोपाल में 27 वर्षीय मरीज को मिला जीवनदान

 

    भोपाल। क्रोनिक थ्रोम्बोएम्बॉलिक पल्मोनरी हाइपरटेंशन (सीटीईपीएच) एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है जिससे फेफड़ों में रक्त के थक्के और फेफड़ों में उच्च रक्तचाप का कारण बनते हैं। इससे हृदय पर दबाव पड़ता है, जिससे रक्त को कुशलतापूर्वक पंप करने की क्षमता प्रभावित होती है। अगर समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो सीटीईपीएच हृदय के फेल होने जैसे गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। इस गम्भीर बीमारी के मरीज का भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सफल इलाज कर एक उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि एम्स भोपाल को राज्य का एकमात्र ऐसा सरकारी अस्पताल बनाती है जो इस प्रकार की जटिल सर्जरी करने में सक्षम है।  

एक 27 वर्षीय मरीज को अचानक सांस लेने में तकलीफ और खांसी की शिकायत हुई थी, तथा उन्होंने स्थानीय अस्पताल में इलाज करवाया। इलाज के बाद भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो उसे एम्स भोपाल भेजा गया। यहाँ जांच करने पर पाया गया कि वह  क्रोनिक थ्रोम्बोएम्बॉलिक पल्मोनरी हाइपरटेंशन (सीटीईपीएच) से पीड़ित है

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने बताया कि एम्स भोपाल, मध्य प्रदेश का एकमात्र सरकारी अस्पताल है जहां एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (एकमो) की सुविधा उपलब्ध है। ऐसी जटिल सर्जरी में एकमो का उपयोग किया जाता है । उन्होने बताया कि सर्जरी के दौरान मरीज का रक्त प्रवाह पूरी तरह से रोक दिया गया ताकि सही तरीके से सर्जरी की जा सके। सर्जरी के बाद मरीज को फेफड़ों और हृदय को सहारा देने के लिए एकमो पर रखा गया। एकमो एक ऐसी तकनीक है जो फेफड़ों और हृदय की कार्यक्षमता को बाहर से संचालित करती है और जटिल सर्जरी के बाद अंगों को आराम देती है। यह ऑपरेशन कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. योगेश निवारिया की देखरेख में किया गया। सर्जिकल टीम में डॉ. एम किशन, डॉ. सुरेंद्र यादव, डॉ. राहुल शर्मा, डॉ. विक्रम वट्टी और डॉ. आदित्य सिरोही शामिल थे। एनेस्थीसिया टीम से सुश्री पूजा सिंह और परफ्यूजनिस्ट श्री वेदांत इनामदार और सुश्री सुषमा सिंह इस सर्जरी का हिस्सा थीं। यह सफल सर्जरी एम्स भोपाल को उन्नत हृदय देखभाल के क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र और जटिल हृदय रोगों के मरीजों को नई उम्मीद प्रदान करती है।

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न्यूज़ सोर्स : एम्स भोपाल