उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू... जानिए.. क्या होंगे बदलाव
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू...
जानिए.. क्या होंगे बदलाव
देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है। इसके साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में विशेषकर सभी धर्मों की महिलाओं को समान अधिकार मिलेंगे।
यूसीसी पोर्टल और नियमों के बारे में क्या कहा मुख्यमंत्री ने..........
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता का यूसीसी पोर्टल और नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि आज उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उन्होने बताया कि आज से उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता पूरी तरह से लागू हो गई है। आज से सभी धर्मों की महिलाओं को समान अधिकार मिलेंगे।
क्या बदलाव आएगा ?
- यूसीसी लागू होने के बाद विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
- किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून होगा।
- हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होगी।
- सभी धर्मों को बच्चा गोद लेने का अधिकार होगा, लेकिन दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
- उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं को खत्म किया जाएगा।
- पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी पूरी तरह प्रतिबंधित होगी।
- संपत्ति में लड़के-लड़कियों का बराबर हिस्सा होगा।
- लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
- अगर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी।
- लिव-इन से पैदा हुए बच्चे को शादीशुदा जोड़े के बच्चे के समान अधिकार मिलेंगे।
- अनुसूचित जनजातियों को समान नागरिक संहिता से बाहर रखा गया है।
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