सायबर अपराध के उपयोग में लाई गई 5 लाख 80 हजार से अधिक सिम ब्लाक

सायबर अपराध के उपयोग में लाई गई
5 लाख 80 हजार से अधिक सिम ब्लाक
नई दिल्ली. भारत में सायबर धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ के अंतर्गत 'नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली' शुरू की गई है। इस प्रणाली के शुरू होने के बाद से अब तक 7.6 लाख से अधिक शिकायतों में 2400 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाकर सायबर अपराध के शिकार होने वाले नागरिकों को राहत पहुंचाई है। भारत सरकार ने सायबर अपराध से जुड़े मामलों में पुलिस द्वारा दी सूचना के आधार पर अब तक 5.8 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,08,000 आईएमईआई ब्लॉक किए हैं। सायबर अपराध की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' चालू किया गया है।
साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए, केंद्र सरकार ने ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ की स्थापना की है। इसके अलावा महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ, सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट करने में जनता को सक्षम बनाने के लिए ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in भी शुरू किया है। इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाओं, उन्हें एफआईआर के रूप में दर्ज करना और उसके बाद की कार्रवाई कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की जाती है।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी में सात संयुक्त साइबर समन्वय दल गठित किए हैं, जो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय ढांचे को बढ़ाने के लिए साइबर अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।