अपनी बात...... प्रयागराज महाकुंभः

श्रद्धालु ने छुए सफाईकर्मी के पैर लेकिन यह काफी नहीं

                                   * मधुकर पवार 


भोपाल  सनातन धर्म में पैर छूना सम्मान का प्रतीक माना जाता है  अक्सर जब कोई व्यक्ति किसी के पैर छूता है तो वह उसकी विद्वता, कार्य, अथवा व्यक्तित्व से प्रभावित होकर सम्मान प्रदर्शित करता है लेकिन अनजान व्यक्ति के पैर छूने की घटनाएं बहुत कम होती है लेकिन प्रयागराज में चल रहे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सान्स्कृतिक समागम में एक श्रद्धालु वहां की साफ –सफाई देखकर इतना प्रभावित हुआ कि उसने अपने सामने से गुजर रही महिला सफाईकर्मी के पैर छूकर उसके प्रति सम्मान व्यक्त किया जिससे महाकुम्भ में सभी सफाई कर्मियों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया होगा 

    प्रयागराज में महाकुम्भ को शुरू हुए मात्र चार दिन हुए हैं और इन चार दिनों में देश - विदेश के आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज पहुंचकर स्नान किया और साधु – संतों तथा अलौकिक छटा के दर्शन किये। इतनी अधिक भीड़ के एक ही स्थान पर एकत्रित होने से सफाई वाकई एक बड़ी चुनौती है।  सफाई के काम में तैनात हजारों सफाई कर्मियों के समर्पित भाव से काम करने की तारीफ तो सभी श्रद्धालु कर ही रहे हैं.. एक श्रद्धालु द्वारा महिला सफाई कर्मी के पैर छूने के वायरल फोटो ने सोशल मीडिया पर सफाई कर्मियों के प्रति श्रद्धा के भाव को और बढ़ा दिया है यह एक सराहनीय पहल है यह सफाई कर्मियों के प्रति आम नागरिक के नजरिए में परिवर्तन की शुरूआत हो तो स्वच्छ भारत का सपना पूरा होने में कोई संदेह नहीं   

    वैसे स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने के बाद सफाई के प्रति देश में एक अलग ही वातावरण बना है लेकिन दस वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आम व्यक्ति की आदत में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नही आया है  भोपाल भले ही राजधानी के वर्ग में स्वच्छता के विभिन्न मापदण्डों पर अपनी बेहतर स्थिति बनाने में सफल रहा है लेकिन वास्तविकता कुछ और है  आज भी सिंगल यूज प्लास्टिक न सिर्फ दुकानों में धड़ल्ले से बिक रही है बल्कि छोटी छोटी सी दुकानों और सब्जियों के ठेलों पर ग्राहकों को सरेआम दी जा रही है  सूखा और गीला कचरा तो अलग – अलग रखना दूर की कौड़ी है  अभी भी बड़ी संख्या  में घरों में गीला और सूखा कचरा एक ही डस्टबिन में रखने की आदत बनी हुई है स्वच्छ भारत मिशन के तीन आर यानी रिड्यूज, रियूज और रिसायकिल में नागरिकों द्वारा सबसे ज्यादा रियूज पर ध्यान दिया जा रहा है  सब्जियों और घर के सामान  के साथ घरों में आने वाली पोलीथीन का पुन: उपयोग कचरा भरकर नगर नुगम की घर – घर कचरा लेने आने वाले वाहनों में डालने के लिये किया जा रहा है 

    बहरहाल, बात प्रयागराज महाकुम्भ में साफ सफाई से शुरू हुई थी तो सफाई के मामले में श्रद्दालुओं की भागीदारी के बिना सम्भव नहीं है  जिस युवा श्रद्धालु ने सफाई कर्मी महिला के पैर छूकर यह बताने की चेष्टा की है कि उनके बिना महाकुम्भ की सफलता सम्भव नहीं है  इसलिये प्रयागराज महाकुम्भ में जाने वाले श्रद्धालुओं का भी नैतिक कर्तव्य है कि वे साफ सफाई के लिये महाकुम्भ प्रबंधन द्वारा जो भी मापदण्ड निर्धारित किये हैं, उनका कड़ाई से पालन करें और ऐसा कोई भी काम न करें जिससे महाकुम्भ की छवि पर गंदगी का दाग लगे  आखिर 144 साल बाद ऐसा अवसर आया है।