कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार हथकरघा से    

7 अगस्त को मनाया जायेगा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

भोपाल । हथकरघा क्षेत्र हमारे देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।  भारत का हथकरघा क्षेत्र प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 35 लाख व्‍यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है, जो देश में कृषि क्षेत्र के बाद दूसरे स्थान पर है। हथकरघा बुनाई की कला में पारंपरिक मूल्यों से जुड़ाव है और इसके प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट विविधताएँ हैं। बनारसी, जामदानी, बालूचरी, मधुबनी, कोसा, इक्कत, पटोला, तसर सिल्क, माहेश्वरी, मोइरांग फी, बालूचरी, फुलकारी, लहरिया, खंडुआ और तंगलिया जैसे कुछ विशिष्‍ट उत्पादों के नाम हैं जिनकी विशिष्ट बुनाई, डिजाइन और पारंपरिक रूपांकन दुनिया भर के ग्राहकों को आकर्षित करता है। हथकरघा से बने वस्त्रों के प्रति देशवासियों की रूचि जाग्रत करने और हथकरघा की प्राचीन विरासत को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से हर साल 07 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस सन 2015 में 7 अगस्त को चेन्नई में मनाया था।

 राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर देश में अनेक कार्यक्रम और हथकरघा वस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई जाती है। कार्यक्रमों में हथकरघा बुनकर समुदाय को सम्मानित किया जाता है तथा देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में इस क्षेत्र के योगदान को विशिष्‍ट रूप से दर्शाया जाता है। हमारी हथकरघा विरासत की रक्षा करने तथा हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों को अधिक अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के संकल्प की पुनः पुष्टि की जाती है। सरकार हथकरघा क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास करती है, जिससे हमारे हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके तथा उनकी उत्कृष्ट शिल्पकला पर उन्‍हें गौरान्‍वित किया जा सके।

भारत सरकार ने हथकरघा के लिए विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया हैं, जिसमें शून्य दोष और पर्यावरण पर शून्य प्रभाव वाले उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की ब्रांडिंग की जाती है, ताकि उत्पादों की विशिष्टता को प्रदर्शित करने के अलावा उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें एक अलग पहचान प्रदान की जा सके। यह खरीदार के लिए एक गारंटी भी है कि खरीदा जा रहा उत्पाद वास्तव में हस्तनिर्मित है। प्रदर्शनी में सभी प्रदर्शकों को अपने उत्कृष्ट उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस प्रकार हथकरघा उत्पादों के लिए बाजार और हथकरघा समुदाय की आय में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है।