रसोई बगीचों से समाप्त होगा कुपोषण

एम्स भोपाल में किया बीज वितरण


भोपाल. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल में मनाये गए पोषण माह के अंतिम दिन 30 सितम्बर को रसोई बगीचा यानी अपने घर के आसपास लगाये जाने वाली सब्जियों और औषधीय पौधों के बीज वितरित किये गए। इस अभिनव पहल की सराहना करते हुये पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, "पोषण संपूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 'पोषण माह' और बीज वितरण जैसी पहलों के माध्यम से हम समुदाय को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक कर रहे हैं और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए सक्षम बना रहे हैं। रसोई बगीचों की खेती से न केवल ताजा और पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां प्राप्त होंगी, बल्कि इससे परिवार अपनी आहार संबंधी आदतों पर नियंत्रण भी प्राप्त कर सकेंगे, जिससे स्वस्थ और पोषित समाज का निर्माण होगा।

कार्यक्रम के दौरान, स्मार्ट यूनिट की नोडल अधिकारी डॉ. भावना ढींगरा ने पौधों की देखभाल और उनके पोषण के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा, “रसोई बगीचा ताजे और स्वच्छ भोजन का स्रोत होने के साथ-साथ परिवार के स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रसोई बगीचे से प्राप्त सब्जियों में आवश्यक पोषक तत्व जैसे विटामिन, खनिज और फाइबर होते हैं, जो कुपोषण को रोकने में सहायक होते हैं।इस कार्यक्रम में सहजन, गाजर, कद्दू,  तोरई, पालक और चौलाई जैसी पौष्टिक सब्जियों के बीज वितरित किए गए। स्मार्ट यूनिट द्वारा आयोजित बीज वितरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि लोग अपने घरों में रसोई बगीचे तैयार कर अपने परिवारों के लिए ताजे और पोषण युक्त सब्जियां पैदा कर सकें। कार्यक्रम में उपस्थित सभी परिवारों को बीज वितरित करने के साथ-साथ सब्जियों की खेती का सही तरीका, पौधों की देखभाल, सिंचाई और खाद आदि की जानकारी भी दी गई। साथ ही, उन्हें यह भी बताया गया कि इन सब्जियों का नियमित सेवन उनके स्वास्थ्य के लिए कैसे लाभदायक हो सकता है। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट यूनिट में एक स्थायी बीज कॉर्नर भी स्थापित किया गया है, ताकि इलाज के बाद डिस्चार्ज होने वाले परिवारों को निरंतर इस सुविधा का लाभ मिल सके। डिस्चार्ज के बाद, परिवार अपने घरों में रसोई बगीचे तैयार कर स्वस्थ आहार की दिशा में कदम बढ़ाएं और अपने जीवन से पोषण की कमी को दूर करें।