दीपावली की आपको सपरिवार हार्दिक बधाई.... कोटिश: शुभकामनाएं.... मधुकर पवार ..भोपाल 

आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...

आज का चिंतन

                                                  * संजय अग्रवाल

 

 

ऊर्जा

 

हम सभी ऊर्जा का रूप हैं।

जगत में, संसार में

जो कुछ भी है

वह ऊर्जा का ही रूप है।

जो कुछ पदार्थ रूप में

हमें दिखाई देता है

वह भी ऊर्जा ही तो है।

E=MC square

 

ऊर्जा का स्रोत

जिस प्रकार भौतिक जगत में

ऊर्जा का मूल स्रोत सूर्य है

उसी प्रकार हमारे अंदर

की ऊर्जा का स्रोत

हमारे भाव हैं।

यदि हमारे भाव

उच्च स्तर के हैं

तो हमारी ऊर्जा भी

उच्च स्तर की होगी।

 

जिस प्रकार के हमारे

विचार होते हैं

उसी प्रकार के कार्य

हम करते हैं, और

उसी से हमारा व्यवहार

स्थापित होता है

और हमारे व्यवहार से ही

हमारे संबंध बनते बिगड़ते हैं

और उसके परिणाम में

हमें अनुभव प्राप्त होते हैं।

उन अनुभवों के आधार पर

हमारी समझ बढ़ती है,

हम परिपक्व होते जाते हैं

तथा हमारे विचारों में

और निखार आता जाता है।

यह क्रम, चक्र निरंतर

अनवरत चलता रहता है

और हम जीवन में

उन्नति और अवनति के

आरोह अवरोह में

यात्रा करते रहते हैं।

 

ऊर्जा और वातावरण

Energy can

neither be created

nor destroyed.

ऊर्जा का केवल

रूपांतरण होता है।

यदि हम सकारात्मक

विचार भाव कार्य में

संलग्न होते हैं

तो हमारी ऊर्जा भी

सकारात्मक होती है

अन्यथा इसके विपरीत

यदि हम नकारात्मक

दृष्टिकोण या वातावरण

में रहते हैं तो

हमारी उर्जा भी

वैसी होने लगती है।

आत्मशक्ति के स्तर

की उच्चता से व्यक्ति

विपरीत परिस्थितियों में भी

अपनी सकारात्मक ऊर्जा

को बनाए रख सकता है।

 

दीपावली के पावन पर्व पर

यही कामना है कि हम

सकारात्मक दृष्टिकोण

और उच्चतम ऊर्जा से

सदैव परिपूर्ण रहें,

और जीवन में सदा

प्रगति करते रहें,

कल्याण के कार्य करते रहें

और जीवन के अभीष्ट

को प्राप्त कर सकें।

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  •  श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं