राष्ट्रव्यापी डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान देश के 800 शहरों में ....... भोपाल में 6 नवंबर को शिविरों का आयोजन

राष्ट्रव्यापी डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान देश के 800 शहरों में
भोपाल में 6 नवंबर को शिविरों का आयोजन
भोपाल। नवम्बर माह में सभी पेंशनभोगियों को सम्बंधित बैंक में जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। बैंक में आधार लिंक होने के कारण कभी – कभी बुजुर्ग पेन्शनभोगियों के उंगलियों के मैच नहीं होने से काफी परेशानी भी होती थी। इन सब समस्याओं के मद्देनजर पेंशनभोगियों की सुविधा के लिये केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से अब घर बैठे ही पेंशनभोगी अपना जीवन प्रमाणपत्र ओनलाईन जमा कर सकेंगे।
भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से नवंबर, 2024 के दौरान राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान शुरू किया है। फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा पेंशनभोगी किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन से अपना डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं। इसके लिये एंड्रॉइड स्मार्टफोन पर प्ले स्टोर से जीवन प्रमाण एप डाऊनलोड करना होगा। जीवन प्रमाण एप पर दिये गये निर्देशों का पालन कर आसानी से जीवन प्रमाण पत्र जमा हो जाता है।
पेंशनभोगियों की सुविधा के मद्देनजर राजधानी भोपाल में बुधवार, 06 नवम्बर को अनेक स्थानों पर शिविर लगाकर पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया सम्पन्न की जाएगी। भोपाल के टी.टी.नगर, अरेरा हिल्स और गुलमोहर कॉलोनी आदि स्थानों पर पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की अवर सचिव, श्रीमती सोनिका खट्टर, इन शिविरों में जाकर, जीवन प्रमाणपत्र जमा करने हेतु विभिन्न डिजीटल तरीकों जैसे फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में पेंशनभोगियों का मार्गदर्शन करेंगीं। यूआईडीएआई इन शिविरों में पेंशनभोगियों के आधार रिकार्डों को अद्यतित करने में मदद करेगा तथा जीवन प्रमाणपत्र जारी करने में होने वाली तकनीकी समस्याओं का समाधान करेगा।
उल्लेखनीय है कि पहले अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पेंशनभोगियों को पेंशन संवितरण प्राधिकरणों के पास स्वयं जाना होता था, जिससे पेंशनभोगियों विशेषकर वयोवृद्धों को काफी असुविधा होती थी क्योंकि लंबी कतारों में काफी देर तक इंतजार करना पड़ता था। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने वर्ष 2014 में डिजीटल जीवन प्रमाणपत्र (जीवन प्रमाण) और नवंबर, 2021 में फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के जरिये जीवन प्रमाणपत्र जारी / प्राप्त करने की शुरूआत की । इस प्रगति से अन्य बाह्यबायोमेट्रिक उपकरणों की आवश्यकता समाप्त हो गई और जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया काफी सरल हो गई।
विभाग ने वर्ष 2022 में देशभर के 37 शहरों में एक राष्ट्रव्यापी अभियान आयोजित किया, जिसमें 1.41 करोड़ से भी अधिक जीवन प्रमाणपत्र जारी किए गए। नवंबर, 2023 में आयोजित अभियान में 100 शहरों को कवर करते हुए, लगभग 1.47 करोड़ जीवन प्रमाणपत्र जारी किए गए।
इस वर्ष 01 से 30 नवम्बर तक जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिये देशभर के 800 शहरों/जिलों में शिविर लगाए जा रहे हैं। इस अभियान में सभी बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघ, यूआईडीएआई, मेटी, रक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दूरसंचार विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। देश के विभिन्न शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाए जाएंगे ताकि पेंशनभोगियों को अपना जीवन प्रमाण डिजिटल रूप से जमा करने में मदद की जा सके। साथ ही वयोवृद्ध तथा निशक्त पेंशनभोगियों के घर जाकर उनके जीवन प्रमाण्पत्र जमा करने में मदद करने के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। इस अभियान का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर भी किया जा रहा है ताकि अधिकाधिक पेंशनभोगी इन शिविरों का लाभ उठा सकें। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले या वयोवृद्ध पेंशनभोगियों तक पहुंचना है ताकि उन्हें भी इस तकनीक की जानकारी हो सके और इसका लाभ मिल सके।