तीसरा अमृत स्नान 03 फरवरी को

 श्रद्धालुओं की सुरक्षा और चिकित्सा प्रशासन की प्राथमिकता

प्रयागराज। तीर्थराज प्रयागराज में सोमवार, 03 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर महाकुम्भ का तीसरा अमृत स्नान है विगत 28 - 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान के शुरू होने के पहले मध्यरात्रि को हुई भगदड़ के मद्देनजर मेला प्रशासन द्वारा  श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। इसके तहत 360 बिस्तरों की क्षमता वाले 23 अस्पताल पूरी तरह तैयार किए गए हैं, जहां आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। संपूर्ण मेला क्षेत्र में इन व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता जांचने के लिए स्पेशल मेडिकल टीम ने दौरा किया और स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और सुचारु चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

      मेला प्रशासन की श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया गया है, जिसमें 100 बिस्तरों की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक सेंट्रल हॉस्पिटल स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, मेला क्षेत्र में 25 बेड की क्षमता वाले दो सब-सेंट्रल हॉस्पिटल, 20 बेड के आठ सेक्टर हॉस्पिटल और 20 बेड के ही दो संक्रामक रोग हॉस्पिटल की भी व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या का त्वरित उपचार हो सके। प्राथमिक उपचार की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक बिस्तर की सुविधा वाले 10 फर्स्ट ऐड पोस्ट भी बनाए गए हैं, जहां प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों की टीम हर समय तैनात रहेगी। आपातकालीन सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एंबुलेंस और चिकित्सकीय दलों की तैनाती की गई है, जिससे जरूरत पड़ने पर मरीजों को तुरंत अस्पतालों तक पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही, विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में मेला क्षेत्र में नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वच्छता संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। मेला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवाओं, जीवनरक्षक उपकरणों और चिकित्सीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, ताकि किसी भी स्थिति में श्रद्धालुओं को समय पर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके। महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हेल्पडेस्क और सूचना केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जहां स्वास्थ्य संबंधी किसी भी जानकारी और सहायता के लिए चिकित्सा कर्मी तैनात रहेंगे।

 पूरा मेला क्षेत्र नो व्हीकल ज़ोन

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ और दुखद मौतों के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं इसके तहत मेला क्षेत्र में पांच बड़े बदलाव किए हैं। पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे अतिआवश्यक सेवाओं के अलावा किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने नहीं दिया जाएगा । मेला प्रशासन ने वीवीआईपी पास भी निरस्त कर दिये हैंपुलिस प्रशासन के लिए अब बसंत पंचमी पर अमृत स्नान को निर्विघ्न संपन्न कराने की चुनौती हैमेला क्षेत्र में रास्ते वन-वे किए गए हैं। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक तरफा रास्ते की व्यवस्था की गई है प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर ही रोका जा रहा है।  शहर में चार पहिया वाहनों के आने पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन अब लापरवाही बरतने के मूड में नहीं हैं, इसलिए ये सख्त नियम लागू किए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य कुंभ क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें ।

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