आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल  

आईना साफ करता रहा  

 

एक मशहूर शेर पढ़ा था कि 

ग़ालिब यही भूल उम्र भर करता रहा 

धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा।

यानी करना कुछ चाहिए और 

कर कुछ और रहे हैं,

और समझ रहे हैं कि

हम सही कर रहे हैं,

 जबकि वास्तविकता में

जो करना चाहिए

वह तो हम

कर ही नहीं रहे हैं।

 

करना क्या है

यदि हम यह सही ढंग से

समझ लें कि

हमें करना क्या है

और क्यों है 

तो हम सही रास्ते पर हैं

और लक्ष्य को भी अन्ततः

प्राप्त कर लेंगे 

अन्यथा भटकते ही रह जाएंगे।

 

आकर्षण

जो नहीं करना चाहिए

उसके आकर्षक में 

हम उलझ जाते हैं,

अपनी ऊर्जा और समय 

को व्यर्थ करते हैं

और बाद में पछताते हैं कि 

हम को जो नहीं करना था,

हमने वो क्यों किया 

और जो करना चाहिए था,

वह क्यों नहीं किया

और ऐसा करके हमने

अपना कितना नुकसान किया।

कहा भी गया है कि

सब कुछ लुटा के

होश में आए तो क्या किया

 

जागरूकता

हमेशा इस बात पर

बल दिया जाता है कि 

हम सदैव जागरूक रहे,

अपने विचारों, अपने कार्यों और

अपने व्यवहार तथा 

आचरण के प्रति,

हम हर पल सचेत रहें।

हम अपनी चेतना और

जागरूकता के प्रति

सदैव सतर्क रहें और

कार्य करें,

यही अभीष्ट होता है।

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं