न्यू मीडिया में जितनी चुनौतियां हैं, उतने ही अवसर भी'.......... पी.आर.सी.आई. ने मनाया 21 वां स्थापना दिवस

न्यू मीडिया में जितनी चुनौतियां हैं, उतने ही अवसर भी'
पी.आर.सी.आई. ने मनाया 21 वां स्थापना दिवस
भोपाल । आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस (एआई) और डिजिटल मीडिया में सूचनाओं का अंबार है इसीलिए अत्यधिक सूचनाओं के कारण उनकी प्रामाणिकता सहित हमारे सामने अनेक चुनौतियां हैं। लेकिन इन चुनौतियों के साथ-साथ हमारे लिए अनेक अवसर भी उपलब्ध हुए हैं। यह हमारे ऊपर है कि हम इन अवसरों को किस प्रकार से भुनाते हैं। ये विचार दैनिक भास्कर, भोपाल के संपादक श्री सतीश कुमार सिंह ने पब्लिक रिलेशन काउंसिल आफ इंडिया (पीआरसीआई) के 21 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में व्यक्त किए । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए श्री सिंह ने कहा कि सिर्फ कोरी सूचनाएं देने से उनका कोई अर्थ नहीं होता, जब तक कि उन सूचनाओं में हम मानवीय संवेदनाओं को नहीं जोड़ते। उन सूचनाओं को प्रभावी तरीके से अपने लक्ष्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी होती है।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पीआरसीआई, मध्य क्षेत्र के अध्यक्ष श्री प्रशांत पाठराबे ने कहा कि वर्तमान समय में नॉलेज ही पावर है। उन्होंने कहा कि जिसके पास जितनी अधिक सूचनाएं होंगी, वह उनका उतना ही बेहतर ढंग से अपने हित में इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क मात्र अपनी बात आम जनता तक पहुंचाने का एक जरिया ही नहीं है बल्कि क्षेत्र विशेष की समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने में भी अपनी प्रभावी भूमिका अदा करता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश में किसानों को लेकर हमें एक अलग तरह से प्रयास करने होंगे। किसानों के मुद्दे, उनकी समस्याएं, उनके फसलों की मार्केटिंग, उनके प्रबंधन को लेकर उन्हें बेहतर तरीके से समझा पाना संवाद का असली उद्देश्य होगा । श्री पाठराबे ने कहा कि जनसंपर्क का सबसे बड़ा लक्ष्य यही है कि हम अपने लक्ष्य समूह तक अपनी बात तो पहुंचाएं ही, साथ ही उसको हम अपने संवाद से कितना फायदा पहुंचा रहे हैं यह भी गौर करने वाली बात होगी। इसके पूर्व श्री पाठराबे ने पीआरसीआई की कार्य प्रणाली और देश में इस संगठन के कार्यकारी तंत्र के बारे में बताया।
कार्यक्रम के आरम्भ में सेज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर मयंक सक्सेना ने कहा कि जो छात्र चाहे किसी भी विधा के हों, अपने लक्षित समूह के साथ बेहतर संवाद कायम करना का कौशल होना जरूरी है। यह तभी संभव हो सकता है जब आप संवाद या संचार की बारीकियों को समझें। कार्यक्रम में पीआरसीआई के डायरेक्टर श्री हर्ष सुहालका ने कहा कि आज के समय में पीआरसीआई के समक्ष नई जिम्मेदारियां आ गई हैं। हमें अपनी पूरी विशेषज्ञता के साथ उन जिम्मेदारियां को उठाना होगा और बड़ी संख्या में अपने संवाद के माध्यम से उन्हें जोड़ना होगा ।
कार्यक्रम में सोशल मीडिया: अभिशाप या वरदान विषय पर वाद -विवाद प्रतियोगिता का दो सत्रों में आयोजन किया गया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में श्री मृत्युंजय झा प्रथम, सुश्री अनन्या अवस्थी द्वितीय और अनन्या कुमारी तृतीय स्थान पर रही। विजेताओं के साथ इस प्रतियोगिता में भागीदारी करने वाले सभी प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग की प्राध्यापक डॉक्टर वन्या चतुर्वेदी ने किया। अंत में एचओएस की विभागाध्यक्ष डॉक्टर स्वाति शर्मा, ने आभार माना ।