थाना अधिकारी की 'आम वाली' शर्त पर गांव वालों ने जुटाए 1 करोड़, अब अफसर खुद ही जांच के घेरे में

राजस्थान के जयपुर के चौमू से एक अजीब मामला सामने आया. यहां जब एक थानाधिकारी ने आम न खाने की कसम खाई तो लोगों ने चार दिन में एक करोड़ जमा कर दिए. ये मामला चोमूं के श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के अभियान से जुड़ा है. जहां चोमूं के थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा ने जब तक एक करोड़ रुपये मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए जमा नहीं होते. तब तक आम न खाने का प्रण लिया, जिसके बाद में ग्रामीणों ने चार दिन में एक करोड़ रुपए दान कर जमा कर दिए.
चार दिन पहले मंदिर परिसर में आयोजित एक बैठक के दौरान थाना इंचार्ज ने घोषणा की थी कि जब तक एक करोड़ रुपये इकट्ठे नहीं होंगे. वह अपना सबसे ज्यादा पसंदीदा फल आम नहीं खाएंगे. इसके बाद सिर्फ चार दिनों में चौमू के रहने वाले लोगों ने एक नहीं बल्कि सवा करोड़ रुपये की इकट्ठा कर दिए. फिर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के साथ भगवान लक्ष्मीनाथ को आम अर्पित किए गए और थाना इंचार्ज प्रदीप शर्मा को मंदिर प्रांगण में आम खिलाकर उनका व्रत तुड़वाया गया.
पुलिस की वर्दी के रौब का मैसेज
थानाधिकारी के इस अजीब प्रण की चर्चा पूरे पुलिस महकमे में हो रही है. इस संबंध में आला अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि थाना अधिकारी के ऐसा करने पर नाराजगी जताई. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ऐसा करने से जनता में पुलिस की वर्दी का रौब दिखाकर पैसे इकट्ठे करने का मैसेज जाता है. अधिकारी ने कहा कि थानाधिकारी को अगर समाज सेवा करनी है तो वह अपने गृह क्षेत्र में जाकर समाज सेवा करें.
4 दिन में सवा करोड़ रुपए इकट्ठा हो गए
जब अधिकारियों से इस मामले को लेकर थानाधिकारी पर कार्रवाई करने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करवाकर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में अधिकारी के आम न खाने के प्रण से मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सवा करोड़ रुपए महज चार दिन में इकट्ठा हो गए. लेकिन अब उन पर वर्दी का रौब दिखाने को लेकर एक्शन हो सकता है.