महिला तस्करों का नया पैंतरा: छत्तीसगढ़ में गांजा तस्करी का अनोखा ट्रेंड, पुलिस भौंचक्की

गांजा तस्करी का अब ट्रेंड निकल गया है। अब गांजे की तस्करी के लिए पुरूष सामने न आकर गृहिणियों को सामने ला रहे हैं। इतना ही नहीं महिलाएं अपनी नाबालिग बेटियों के साथ स्कूटी में बैग में गांजा लेकर निकलतीं हैं। बाकायदा उनके चेहरे स्कार्फ से ढंका रहता है। पुलिस वालों को भ्रम भी नहीं होता और वे बच निकलतीं हैं। हालांकि कई पुलिस वाले मुखबिर की सूचना पर इन्हें पकड़ भी लेते हैं। वहीं 90 फीसदी केस में तस्कर अपनी मकसद में कामयाब हो जातीं हैं।
गौरतलब है कि जिले में आदि अनादि काल से गांजा की तस्करी हो रही है। बिर्रा थाना क्षेत्र के बार्डर में लगा बेरियर गांजा तस्करों के लिए किसी स्वर्ग द्वार से कम नहीं है। पहले पुरुष वर्ग लक्जरी कारों में क्विंटल में बड़ी तादात में गांजा की तस्करी करते थे। लेकिन अब इसका ट्रेंड बदल गया है।
अब तस्करी करने वाले पुरुष महिलाओं को सामने लाकर छोटी मात्रा में गांजा तस्करी करा रहे हैं। ताकि पुलिस को इसकी भनक न लगे। खासकर पुलिस स्कूटी सवार महिलाओं पर शंका नहीं करते। उन्हें यह आभाष होता है कि महिला अपने बच्चों को लेकर पारिवारिक कार्यों में एक स्थान से दूसरे स्थान जा रही होगी। लेकिन यह भ्रम है।
महिलाएं स्कूटी के सामने बैग में गांजा रखकर तस्करी कर रहीं हैं। दो दिन पहले बिर्रा पुलिस ने ऐसे ही एक गांजा तस्करी करने वाली महिला को गिरफ्तार किया था। चार दिन पहले ही यानी गुरुवार को बिर्रा पुलिस ने एक महिला को स्कूटी में गांजा तस्करी करते पकड़ा था। महिला के कब्जे से साढ़े 4 किलो गांजा जब्त किया गया था।
ओडिशा बार्डर है करीब
बिर्रा के उस पार तस्करों को दो बेरियर पार करनी पड़ती है। सारंगढ़ जिला तो दूसरा रायगढ़ जिला का सीमावर्ती क्षेत्र। इन दोनों बार्डर को पार कर लेतीं हैं तो वे सफल हो जातीं हैं। बिर्रा बार्डर पार करने के बाद वे जांजगीर चांपा जिले के कई इलाकों में गांजा की सप्लाई करने कामयाब हो जाती हैं। तो वहीं दूसरी ओर यदि उन्हें यहां से आगे बढ़ना हो तो वे बिलासपुर व रायपुर जिले के गांवों में भी गांजा की तस्करी करने आगे के लिए निकल पड़तीं हैं।