दूध की कीमत क्यों नहीं हई कम

     भोपाल। इन दिनों उपभोक्ताओं  की जिज्ञासा यही है कि जी.एस.टी. सुधार के बावजूद दूध की कीमत में कमी क्यों नहीं हो रही है ? जबकि सोशल मीडिया पर लगातार खबरें प्रसारित हो रही हैं कि दूध की कीमत में 10 से 18 रूपये तक की कमी हो गई है। अनेक वेबसाईटों पर इस आशय के समाचार भी जारी हो रहे हैं जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यही नहीं, दूध की कीमत को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाईन पर भी बड़ी संख्या में उपभोक्ता शिकायत कर रहे हैं कि जी.एस.टी. सुधार के तहत की गई घोषणा के अनुसार दूध की कीमतें कम क्यों नहीं हो रही हैं और उन्हें इसका उन्हें कोई फायदा नहीं मिल रहा है।

    आपको बता दें कि पिछले महीने 22 सितम्बर को नवरात्रि पर्व के पहले ही दिन से जी.एस.टी. की नई दरें लागू हो गई थीं। देश में  सहकारिता के क्षेत्र की सबसे बड़ी कम्पनी अमूल ने बटर, पनीर, आईसक्रीम सहित करीब 700 उत्पादों की कीमतें कम की हैं। इसका लाभ उपभोक्ताओं को मिलने भी लगा है लेकिन दूध की कीमतों के लेकर अभी भी जिज्ञासा बनी हुई है। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाईन पर जितनी भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, उनमें  एक बड़ा हिस्सा दूध के मूल्य निर्धारण से संबंधित है। बड़ी संख्या में उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाईन से पूछते रहे कि जीएसटी सुधार के बाद भी दूध कंपनियों ने दूध की कीमतें कम  क्यों नहीं की हैं।  उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि दूध कंपनियाँ सुधार से पहले वाली कीमतें वसूल रही हैंजिससे उन्हें  जीएसटी की नई दर का लाभ नहीं मिल रहा है।  इस मामले की जाँच के बाद पाया गया कि ताज़ा दूध पहले से ही जीएसटी से मुक्त है। हाल ही में जीएसटी दर सुधारों में यूएचटी (अल्ट्रा-हीट ट्रीटेड' )  दूध को  छूट दी गई है।

 दूध की कीमतों की शिकायतों के बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 

पर  -कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से खरीदे गए इलेक्ट्रॉनिक सामानों से संबंधित था।

 उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि ऑनलाइन खरीदे गए लैपटॉपरेफ्रिजरेटरवाशिंग मशीन और अन्य टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं पर अब भी जीएसटी सुधार-पूर्व जीएसटी दरें लागू हैं और कर में कमी का कोई लाभ उन्हें नहीं दिया जा रहा है। 

विश्लेषण से पता चला है कि जीएसटी सुधारों के अंतर्गत टीवीमॉनिटरडिशवाशिंग मशीन और एसी पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है। लैपटॉपरेफ्रिजरेटरवाशिंग मशीन आदि जैसे सामान पहले से ही 18 प्रतिशत की दर पर हैं।

शिकायतों का एक तीसरा समूह घरेलू एलपीजी सिलेंडरों से संबंधित था। उपभोक्ताओं ने बताया कि सुधारों के बाद भी एलपीजी की कीमतों में कमी नहीं आई है।  घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी पर लागू जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और घरेलू एलपीजी पर 5 प्रतिशत जीएसटी की दर जारी रहेगी यह रेखांकित करना महत्वपूर्ण है कि एलपीजी की कीमतें कराधान के अलावावैश्विक कच्चे तेल के रुझानसरकारी सब्सिडी नीतियों और वितरण लागत सहित कई कारकों से प्रभावित होती हैं।

पेट्रोल की कीमतों के संबंध में शिकायतों का एक और समूह सामने आया। कई उपभोक्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई कि पेट्रोल की कीमतें कम नहीं हुई हैं। यहां बता दें  कि पेट्रोल जीएसटी के दायरे से बाहर है।

 पेट्रोल की कम कीमतों की उपभोक्ताओं की आशाखुदरा विक्रेताओं या तेल कंपनियों द्वारा जीएसटी का पालन  करने की बजायजीएसटी सुधारों के दायरे की गलतफहमी को दर्शाती है।

उपभोक्ता जागरूकता अभियान जीएसटी परिवर्तनों से प्रभावित विशिष्ट वस्तुओं और क्षेत्रों के बारे में सटीक और आसानी से समझने योग्य जानकारी का प्रसार करेंगे। इस तरह किसी भी गलत सूचना या गलत शिकायतों को ठीक से रोका जा सकेगा।

इस संदर्भ में शिकायत निवारण के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन प्राथमिक मंच के रूप में कार्य करती रहेगी टोल फ्री नंबर 1915, आईएनजी आरएएम पोर्टल (www.consumerhelpline.gov.in), व्हाट्सएपएसएमएसएनसीएच ऐपउमंग ऐप और  अन्य डिजिटल इंटरफेस के माध्यम से उपलब्ध यह हेल्पलाइन 17 भाषाओं में शिकायत पंजीकरण और समाधान की सुविधा प्रदान करती है। उपभोक्ताओं को  केवल जीएसटी से संबंधित मुद्दों के लिएबल्कि वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित सभी प्रकार की शिकायतों के लिए इन सुविधाओं का पूरा उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रत्येक शिकायत उपभोक्ता संरक्षण इकोसिस्टम को मजबूत करती है और बेहतर प्रवर्तन में योगदान देती है।