भारत में एच.आई.वी. के मामलों में 44 प्रतिशत की कमी
भारत में एच.आई.वी. के मामलों में
44 प्रतिशत की कमी
इंदौर, 01 दिसम्बर। विश्व एड्स दिवस के मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने दावा किया है कि 2010 के बाद से भारत में नए एचआईवी मामलों की संख्या में 44% तथा एड्स से होने वाली मौतों में 79% की कमी आई है। आज इंदौर में विश्व दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम ने श्री नड्डा ने कहा कि भारत ने एड्स से निपटने के लिए 90-90-90 का लक्ष्य अपनाया, जिसमें देश में एड्स के 90% मामलों का पता लगाना, 90% लोगों का एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) से इलाज करना और 90% पीड़ितों में वायरल लोड खत्म करना शामिल है। उन्होंने बताया कि बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 95-95-95 कर दिया गया जिसमें से 81% एड्स से पीड़ित लोगों की पहचान कर ली गई है, 88% को एआरटी दिया जा रहा है और 97% चिन्हित लोगों के वायरल लोड को कम किया गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एचआईवी से पीड़ित लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने का आग्रह करते हुए कहा, कि कुछ मान्यताओं के विपरीत, आज एचआईवी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति आजीवन जीवित रह सकता है और एचआईवी संक्रमण के बिना भी एक स्वस्थ बच्चा पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब एड्स के लिए कोई दवा नहीं थी, अत्यधिक महंगी दवाओं की समस्या से निपटना और अब दुनिया को एचआईवी दवाओं का आपूर्तिकर्ता देश बनने तक, भारत ने एड्स के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक लंबा सफर तय किया है।" उन्होंने कहा कि आज भारत सबसे सस्ती और प्रभावी दवाओं का उत्पादन करके और उन्हें जरूरतमंदों के साथ साझा करके एड्स नियंत्रण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार एड्स रोगियों के लिए मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराती है। उन्होंने नाको द्वारा लगाई गई एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एड्स नियंत्रण के सरकारी प्रयासों से समाज के सबसे निचले तबके के लोगों को लाभ हो रहा है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। पहले मध्य प्रदेश में केवल पांच मेडिकल कॉलेज थे, अब राज्य में 31 मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने बताया कि अगले दो वर्षों में राज्य में 50 मेडिकल कॉलेज होंगे।