डाक टिकट संग्रह के शौकीन बच्चों को मिलेगी 6 हजार रूपये की सालाना छात्रवृत्ति

डाक टिकट संग्रह के शौकीन बच्चों को मिलेगी
6 हजार रूपये की सालाना छात्रवृत्ति
भोपाल. डाक टिकट संग्रह को प्रोत्साहन देने और शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से, विद्यार्थियों में डाक टिकट संग्रह के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से डाक टिकट छात्रवृत्ति कार्यक्रम दीन दयाल स्पर्श योजना शुरू की है। इस योजना के तहत डाक टिकट संग्रह करने के शौकीन और छटवीं से नवीं कक्षा में अध्ययनरत चयनित उत्कृष्ट विद्यार्थियों को भारतीय डाक विभाग सालाना 6 हजार रूपये छात्रवृत्ति प्रदान करेगा। इस छात्रवृत्ति योजना में लाभार्थियों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक विद्यार्थी निर्धारित प्रारूप में 18 सितंबर, 2024 तक आवेदन कर सकते हैं।
यह छात्रवृत्ति अखिल भारतीय स्तर पर प्रदान की जाएगी और प्रत्येक डाक सर्कल के अंतर्गत छटवीं से नवीं कक्षा के अधिकतम 40 विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएगी। छात्रवृत्ति की राशि 500 रुपये प्रति माह की दर से 6000 रुपये जाएगी प्रति वर्ष होगी, जो त्रैमासिक आधार पर प्रदान की जाएगी। छात्रवृत्ति के लिए पात्र होने के लिए, विद्यार्थी का भारत में किसी मान्यता प्राप्त स्कूल का विद्यार्थी होना चाहिए। संबंधित स्कूल में एक डाक टिकट संग्रह क्लब होना चाहिए और विद्यार्थी को क्लब का सदस्य होना चाहिए। यदि किसी स्कूल में डाक टिकट संग्रह क्लब नहीं है, तो उस स्कूल के किसी विद्यार्थी के नाम पर भी विचार किया जा सकता है, जिसके पास अपना खुद का डाक टिकट संग्रह का जमा खाता है। डाकघरों में डाक टिकट संग्रह जमा खाता केवल 200 रुपये की राशि से खोला जा सकता है। छात्रवृत्ति के लिए चयन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्याशी ने अपनी अंतिम परीक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड/कुल अंक प्राप्त किए हों। अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए 5 प्रतिशत की छूट होगी।
छात्रवृत्ति के लिए चयन 30 सितंबर को मंडल स्तर पर 50 बहुविकल्पीय प्रश्नों की डाक टिकट संग्रह लिखित प्रश्नोत्तरी में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। इस प्रश्नोत्तरी में मंडल स्तर पर चयनित विद्यार्थियों को अंतिम चयन के लिए नवंबर, 2024 के पहले सप्ताह तक डाक टिकट संग्रह प्रोजेक्ट संबंधित मंडल में जमा करना होगा। इसके लिए मंडल स्तर पर डाक अधिकारियों और प्रतिष्ठित डाक टिकट संग्राहकों की एक समिति भी गठित की जाएगी। चयनित विद्यार्थियों को अपने माता-पिता के साथ डाकघर या इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में एक संयुक्त खाता खोलना होगा। उल्लेखनीय है कि डाक टिकट किसी भी राष्ट्र की सभ्यता, संस्कृति एवं विरासत के संवाहक हैं। तभी तो डाक टिकट को नन्हा राजदूत भी कहा जाता है।