नवरात्रि पर्व की आपको सपरिवार हार्दिक बधाई....

आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...

 

 

आज का चिंतन

                                                  * संजय अग्रवाल

संवाद

 

दूसरे व्यक्ति से तत्क्षण 

विचारों का आदान-प्रदान

चर्चा इत्यादि संवाद कहलाता है 

यह लिखित, मौखिक या 

प्रत्यक्ष हो सकता है।

आमतौर पर इसे बातचीत

इंटरव्यू, विमर्श, मीटिंग 

इत्यादि कहते हैं।

 

प्रत्यक्ष संवाद 

यह सर्वश्रेष्ठ होता है 

क्योंकि इसमें न केवल शब्दों

बल्कि भाव भंगिमा से भी 

विचारों और भावनाओं का 

आदान-प्रदान होता है।

महत्वपूर्ण और गंभीर

विषयों पर चर्चा करने 

के लिए प्रत्यक्ष संवाद 

अपरिहार्य होता है।

 

मौखिक संवाद 

दूरभाष के माध्यम से 

जो बातचीत होती है वह 

आमने-सामने तो नहीं 

किंतु तत्काल रूप में होती है 

जिससे उद्देश्यपूर्ण और सार्थक 

संवाद हो जाता है।

आजकल इसी का 

अधिकांश उपयोग हो रहा है।

 

लिखित संवाद 

वर्तमान में मोबाइल पर 

चैट के माध्यम से 

तत्क्षण लिखित संवाद 

संभव होने लगा है।

पहले यही सब पत्राचार 

से होता था लेकिन उसमें 

समय की भिन्नता आ जाती थी।

 

संभावना और सावधानी

शब्दों की शक्ति असीम है 

तो दूसरी ओर इनकी 

अपनी मर्यादा भी है। 

लिखित संवाद में कभी-कभी 

अर्थ का अनर्थ भी हो जाता है।

इसीलिए लिखित संवाद में 

उचित शब्दों के प्रयोग 

में सावधानी रखना 

अनिवार्य हो जाता है।

तथापि दूसरे के द्वारा 

शब्दों के प्रति उसकी 

निजी समझ का कारक 

सदैव विद्यमान रहता है।

 

प्रयास

आपसी रिश्तों में उचित है कि

यथासंभव प्रत्यक्ष संवाद हो 

या दूरभाष पर संवाद हो जाए।

इससे रिश्तों में गर्माहट 

बनी रहती है और 

यही अभीष्ट होता है। 

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  •  श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं