भोपाल । सीएम राइज स्कूल के छात्रों को अब आवागमन के लिए निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इसमें सुविधायुक्त वाहन के साथ सुरक्षा व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। यह सुविधा सिर्फ भोपाल जिले के लिए नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में स्थित सीएम राइज स्कूलों के छात्रों को मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि इस बार जारी किए टेंडर मे कई बदलाव करते हुए प्रयास किया है कि सीएम राइज स्कूलों के छात्रों को आवागमन के लिए वह सभी सुविधाएं मिल सके जो निजी स्कूलों में दी जाती हैं।
इसमें बस की बाडी से लेकर सीटें तक विशेष गुणवत्तायुक्त रहेंगी, साथ ही बस का चालक भी जांच परख कर रखा जाएगा। इतना ही नहीं सुरक्षा के भी इंतजाम पुख्ता रखे जाएंगे। बस आपरेटरों के लिए हुए नियमों के बदलाव में अब टेंडर प्रक्रिया में बस कंपनी संचालकों के स्थान पर निजी बस के मालिकों को शामिल होने का मौका दिया जा रहा है।

जून प्रथम सप्ताह तक पूरी होगी टेंडर प्रक्रिया


 बता दें कि यह टेंडर प्रक्रिया 14 मार्च को शुरू की गई थी जो अप्रैल माह में पूरी होना थी लेकिन किन्हीं कारणों से इस प्रक्रिया को जून प्रथम सप्ताह तक के लिए बढ़ा दिया गया है। सीसीटीवी से निगरानी होगी, गैर ज्वलनशील होंगी सीटें: बस में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। सीएम राइज स्कूलों में जो बसे चलेंगी उनकी सीटें भी गैर ज्वलनशील सामग्री से बनी होंगी, इसके अलावा स्टील बाडी से पैक बस में फायर डिटेक्शन और अलार्म सिस्टम भी लगाया जाएगा। इन बसों में विशेष रूप में पांच-पांच किलो के दो अग्निशामक यंत्र भी लगाए जाएंगे। बस में सीसीटीवी कैमरे होंगे जिससे उसकी सीधी निगरानी की जा सकेगी। बस के कांच पारदर्शी होंगे जिससे बस के भीतर की गतिविधि स्पष्ट दिखाई दे सके।

बस चालक के नियम सख्त


इस बार बसों के टेंडर को लेकर विशेष नियमों का पालन किया जाएगा। सीएम राइज स्कूल की बसों की ड्राइविंग वहीं चालक करेंगे जिनका पूरे वर्ष में दो बार से अधिक चालान न कटा हो। इसके अलावा कानूनी रूप से भी ध्यान दिया जाएगा कि चालक के ऊपर आइपीसी की धारा 279, 337, 338, 304 ए और पोक्सो एक्ट 2012 के अंतर्गत कोई मामला दर्ज न हुआ हो। इस बार टेंडर प्रक्रिया को केंद्र की योजना से जोडऩे का प्रयास किया गया है। इस बार तय किया गया है कि कोई बेरोजगार युवा ऐसा है जो प्रधानमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत आता है तो वह भी इस टेंडर प्रक्रिया का हिस्सा बन सकता है। अगर उसके टेंडर का चयन होता है तो उसे एक माह का मौका दिया जाएगा।