लघुकथा...

आओ .. लौट चलें गांव

  •  पपलेश जोशी

शहर की ओर जा रहे मार्ग के चौराहे पर आंखों पर काले रंग का चश्मा,  हल्की दाढ़ी - मूंछ, लंबी नोक वाले काले जूते और फॉर्मल यूनिफॉर्म में  एक युवा इधर – उधर विचलित होकर देख रहा था. शायद वह किसी की प्रतीक्षा कर रहा था. हाथ में एक फाईल थी. एक बाईक पर आ रहे युवा को देखकर उसके चेहरे पर मुश्कान आ गई. उसने हाथ से इशारा देकर बाईक चालक को अपने पास बुलाया.  उसने कहा – यार मैं काफी देर से बस की प्रतीक्षा कर रहा हूं. मुझे जल्दी पहुंचना है. बाईक चालक युवक ने पीछे सीट पर बैठने का इशारा किया और पूछा – कहां जाना है? ब्स अग्रवाल टावर के पास छोड़ दे. आज मेरा इंटरव्यू है.

बाईक चालक युवक ने पूछा – किस पोस्ट के लिये है इंटरव्यू ? उसने कहा – सेल्समेन के लिये .

और वेतन कितना मिलेगा ? – बाईक सवार युवक ने पूछा .

वह बोला – अभी तो 8-10 हजार रूपये देंगे. कुछ महीन बाद बढ़ा सकते हैं.

बाईक सवार युवक ने कहा- यार तुम्हारे घर में तो 30-40 एकड़ जमीन है और काफी लोग काम भी करते हैं. अनेक नौकरों को तो शायद 8-10 हजार रूपये महीने मजदूरी भी देते हैं शायद.

युवक ने हामी भरी. बाईक चालक ने कहा – अपना काम से बढ़कर और कोई काम नहीं. किसी की गुलामी करने से अच्छा है, तुम अपने खेतों में ही आधुनिक तकनीक से खेती करो. तुम अपने जैसे अन्य ग्रामीण युवाओं को भी नौकरी दे सकते हो. अब समय बदल रहा है. नौकरी करने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनों.  ग्रामीण युवा काम की तलाश में गांव से शहर की ओर पलायन कर रहे हैं. इससे गांवों में काम करने वालों की कमी हो रही है. यह तुम्हारे लिये अवसर है कि गांव में ही रहकर शहर जैसा जीवन जी सकते हो. आज सभी वस्तुएं आसानी से उपलब्ध है. गांव में शुद्ध हवा – पानी, दूध, ताजी साग सब्जी, अनाज और सभी मौसमी फल आदि आसानी से मिल जाते हैं. फिर अपने घर में मन के राजा... ऐसा सुकून कहां मिलेगा. अरे बात करते - करते आप की मंजिल आ गई. बहुत - बहुत शुभकामनाएं. इंटरव्यू देने जा रहा युवक मोटर सायकिल से नहीं उतरा और उसकी ओर देखते हुये कहा – यार ठीक कह रहे हो. मैं भी अन्य युवाओं की तरह गांव से पलायन कर रहा था.. लेकिन अब मैं समझ गया हूं.... मैं तुम्हारे साथ ही वापस गांव चलूंगा. चलो चाय पीते हैं. इतना कहकर वे चाय की दुकान की ओर चल पड़े.

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पपलेश जोशी देवास जिला की टोंकखुर्द तहसील के ग्राम हरनावदा के निवासी वर्तमान में टोंकखुर्द तहसील मुख्यालय में निवास कर रहे हैं।  हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि (एम.ए. हिंदी) और समाज कार्य में स्नातकोत्तर पत्रोपाधि (एम.एस.डब्ल्यू) की शिक्षा प्राप्त पपलेश जन अभियान परिषद में परामर्शदाता और जल जीवन मिशन में प्रशिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। साहित्य के विद्यार्थी हैं तो लेखन में भी रूचि है।