ध्यान से बढ़ता है हमारा मनोबल : नारायण भाई

ध्यान से बढ़ता है हमारा मनोबल : नारायण भाई
इंदौर । तनाव का कारण हमारी परिस्थिति व व्यक्ति नहीं, बल्कि हमारे विचार है। नकारात्मक विचार तनावपूर्ण परिस्थितियों का निर्माण करते हैं। हमारे दृष्टिकोण को नकारात्मक बनाते हैं। अगर हम सकारात्मक सोचें तो हमारा मनोबल कई गुना बढ़ जाता है और इसी मनोबल से हमारे विचारों की अव्यवस्था व उसकी गति को कम कर सकते हैं जिससे एकाग्रता प्राप्त होती है। आंतरिक शांति को बढ़ावा मिलता है। यह विचार शहर के ओल्ड पलासिया में स्थित स्कूल आफ एक्सीलेंस में नर्स व डॉक्टर के लिए आयोजित तनाव मुक्त जीवन कार्यशाला में धार्मिक प्रभाग़ के जोनल कोऑर्डिनेटर व जीवन जीने की कला की विशेषज्ञ ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने व्यक्त किए। नारायण भाई ने बताया कि राजयोग ध्यान स्वयं को सुप्रीम पावर से जोड़ने का एक सर्वोच्च स्त्रोत है जिससे सारे संसार को ऊर्जा मिल रही है। जो सत्ता जितनी सूक्ष्म होती है उतनी ही पावरफुल होती है। यदि हम स्वयं को भगवान से जोड़ेंगे तो हम भी शक्तिशाली हो जाएंगे।
नारायण भाई ने कहा कि हमें अपने मन को शक्तिशाली बनाने के लिए रोज अमृतबेला में राजयोग का अभ्यास एवं उसकी अनुभूति करें तो जीवन व परिवार में कुछ भी हो जाए दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव कम होता जाएगा। जब मन में नकारात्मक व व्यर्थ विचार अधिक चलने लगते हैं तो मन की शक्तियां नष्ट हो जाती है। छोटी-छोटी परिस्थितिया भी बड़ी लगने लगती है ।जिनके पास मनोबल होता है बड़ी से बड़ी परीस्थिति भी खेल लगती है। ब्रह्माकुमारी प्रमिला बहन ने बताया कि जिस तरह से भोजन से शरीर को ऊर्जा मिलती है उसी प्रकार मन बुद्धि को भी कार्यरत रखने के लिए आत्मिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए योग की शक्ति द्वारा आत्मा को चार्ज करना है तब जीवन में आनंद का अनुभव कर सकते हैं। हमें अपने मनोबल को बढ़ाकर रखना है। मन में शक्ति है तो जीवन में आने वाली हर परीक्षाओं को हंसते-हंसते पास कर लेंगे। अब स्वयं भगवान भारत को स्वर्णिम भारत बनाने का आंदोलन शुरू किया है उसमें हम सबको सहयोगी बनना है।
कार्यक्रम के शुभारंभ में डॉक्टर देवकिशन जी ने कहा की वर्तमान समय तनाव जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। मेडिटेशन के द्वारा ही तनाव को काम किया जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में मानसिक शांति के लिए मेडिटेशन का अभ्यास कराया गया।