आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल

यह तो हो पहले 

 

बातचीत में कुछ घटना 

पता लगती है तो कहते हैं कि 

यह पहले क्यों नहीं बताया 

तो दूसरा कहता है कि 

_पहले यह हो जाए_, 

_पूरा हो जाए या

_वह हो जाए_

तब मैं बताता।

 

साझा करना 

जीवन में जो कुछ भी होता है 

उसे समय-समय पर 

अपनों से साझा कर लिया जाए 

तो बेहतर ही होता है।

लोगों के विचार, प्रतिक्रिया 

और सहयोग मिल जाने से

उत्पादकता बढ़ जाती है और 

परिणाम अधिक गति और 

गुणवत्ता से मिलते हैं।

 

पारदर्शिता

व्यवहार में और बातों में 

जितनी अधिक पारदर्शिता होगी

संबंध उतने ही मजबूत, शुद्ध 

दीर्घकालिक और सुदृढ़ होंगे।

जाने अनजाने का दुराव छुपाव 

संबंधों को कमजोर करता है।

 

संकोच या आशंका

जानकारी साझा ना करने के पीछे 

कभी-कभी संकोच या आशंका भी 

एक कारण होता है किंतु 

इस रोग को दूर करने से ही 

जीवन में मधुरता, समरसता 

और प्रगति होती है।

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं