आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल

यह बेचारा………

स्वार्थ के बोझ का मारा

 

कई बार व्यक्ति मिलने जुलने से,

बात करने से इसलिए घबराता है 

कि दूसरा कहीं उसे कोई 

काम ना पकड़ा दे या 

उसका अथवा उसके नेटवर्क का

संसाधनों का, उपयोग न कर ले या 

उसके माध्यम से खुद की 

स्वार्थसिद्धि न कर ले इत्यादि..

 

सहज संवाद

यदि बिना किसी पूर्वाग्रह के

डर, दबाव या संकोच के

बातचीत की जाए तो 

आनंद आता है

नए अनुभव होते हैं, अवसरों के 

नए द्वार खुलते हैं।

 

सामंजस्य और समन्वय

समाज में व्यक्ति की परस्पर 

निर्भरता रहती है और इसीलिए 

उसे दूसरों से सामंजस्य भी 

करना पड़ता है और किसी भी 

उद्देश्य की प्राप्ति के लिए 

समन्वय भी करना 

आवश्यक होता ही है।

 

सरलता और निर्मलता

सोच, विचार, व्यवहार और 

आचरण में जितनी अधिक 

सरलता और निर्मलता होगी 

व्यक्तित्व का प्रभाव 

उतना ही श्रेष्ठ होगा 

संबंध भी गहराई के साथ 

स्थिर और उत्कृष्ट होंगे

और यही अभीष्ट होता है। 

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं

 

न्यूज़ सोर्स : संजय अग्रवाल