आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो... आज का चिंतन.................................. संजय अग्रवाल
नवरात्रि पर्व की आपको सपरिवार हार्दिक बधाई....
आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...
आज का चिंतन
* संजय अग्रवाल
सोच और समझ
हमारे जीवन में हर चीज
सोच या विचार से
शुरू होती है और
समझ तक पहुंचती है।
यात्रा
सोच उत्पन्न हुई और
विचार, विमर्श, योजना,
कार्यरूप आदि चरणों से
गुजरते हुए इसकी परिणति
अनुभव और तदनुसार
समझ के रूप में होती है।
सोच यदि प्रारंभिक बिंदु है
तो समझ इस यात्रा का
अंतिम बिंदु और
फिर पुनः नई सोच
उत्पन्न होती है और
यह यात्रा निरंतर चलती
रहती है, जीवन भर।
परिपक्वता
परिपक्वता की निशानी यही है
कि कोई कितना अच्छा
सोच सकता है और
उसकी समझ कितनी गहरी है।
यह तब ही हो पाता है
जब वह निरंतर,
नई-नई सोच और
नए प्रयोग, करते हुए
नवीन अनुभवों से
परिचित होते हुए,
अपनी समझ को
भरपूर विकसित
कर लेता है।
रुकावट
कुछ भी नया करने में
सबसे बड़ी रुकावट
हमारा डर, संकोच, आशंकाएं,
अपने आराम के दायरे में
बंधे रहने की प्रवृत्ति
इत्यादि होते हैं।
इन से उबर कर ही हम
कुछ नया कर सकते हैं।
जीवन में हम प्रतिदिन
कुछ नया करते हुए
निरंतर आगे बढ़ते रहें
यही अभीष्ट होता है।
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- श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं। इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं। मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं।