शुभ रविवार 

आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...

 

 

 

आज का चिंतन

                                                  * संजय अग्रवाल

 

 

खुश रहना और खुश रखना

 

हम स्वयं को खुश रखें

हर तरह से, हर परिस्थिति में

यह चुनाव भी हमारा है 

निर्णय भी हमारा है 

प्रयास भी हमारा है और 

परिणाम भी उसी के 

अनुसार होता है।

 

दूसरा खुश रहे

इसके लिए हम हर उचित 

और संभव प्रयास कर सकते हैं 

लेकिन एक सीमा के बाद 

असफल हो जाने पर इसके लिए 

स्वयं का बलिदान करने 

की आवश्यकता नहीं होती है।

स्वयं को मार कर कभी भी 

दूसरे को खुश  

किया नहीं जा सकता। 

जो स्वयं खुश रहना नहीं जानता 

वह दूसरे के प्रयासों से 

कभी भी खुश हो नहीं सकता।

 

आनंद

जीवन का लक्ष्य आनंद की 

स्थिति में रहना है और 

यह किसी व्यक्ति वस्तु स्थिति 

पर निर्भर नहीं करता है और 

यदि यह कर रहा है तो 

हम आनंद से कोसों दूर हैं।

 

क्या करें

हम अपने धर्म अर्थात 

मानव धर्म का पालन करें।

सत्य धर्म और न्याय 

की राह पर चलते हुए 

उचित निर्णय लें 

और कर्म करें 

केवल यही हमारे पूर्ण 

नियंत्रण में होता है।

दूसरे के विचार और व्यवहार 

हमारे नियंत्रण में नहीं होते हैं।

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  •  श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं