छोटी दीपावली और नरक चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामानाएं...............आज का चिंतन ................... संजय अग्रवाल
आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...
यश, समृद्धि और आरोग्य की कामना के साथ
छोटी दीपावली और नरक चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामानाएं
आज का चिंतन
* संजय अग्रवाल
बर्दाश्त और सलीका
रोजमर्रा के जीवन में कई बार
ऐसी स्थितियां आती हैं कि
हमें बर्दाश्त करना पड़ता है
दूसरों के अप्रिय व्यवहार को
उनकी नागवार बातों को।
व्यवहार और अपेक्षा
दूसरे हमसे कैसा व्यवहार करें,
वो हमसे कैसी बातें करें, वो
क्या प्रस्तुत करें और क्या ना करें
यह हमारे नियंत्रण में
कतई नहीं होता है लेकिन
उनके व्यवहार और बातों पर
हम कैसी प्रतिक्रिया देते हैं
यह पूर्णतया हमारे
नियंत्रण में होता है।
दूसरों से हमें हमेशा
अपेक्षित व्यवहार मिले यह
सदैव संभव नहीं होता है।
प्रतिक्रिया और सलीका
हम अपनी प्रतिक्रिया अपने
व्यक्तित्व, समझ और बुद्धिमानी
से इस प्रकार से दे सकते हैं कि
दूसरे को गलत नहीं ठहरा कर
या उसका विरोध नहीं करके भी
हम अपनी बात स्पष्टता और
दृढ़ता के साथ रख सकते हैं
इस प्रकार कि उसमें स्वयं की
पूरी बात भी आ जाए और
कोई संघर्ष की स्थिति भी ना बने
दो व्यक्ति अपनी-अपनी जगह पर
सही तो हो ही सकते हैं और
स्वयं की दृष्टि में तो होते ही हैं।
क्या करें
दूसरे के व्यवहार को उसकी
प्रकृति और प्रकृति मानकर
उसे वैसे ही स्वीकार करना होगा
जैसे प्रकृति की अन्य व्यवस्था
और अवयवों को हम
बिना किसी विरोध और
निराशा के स्वीकार करते हैं।
और अपनी बात को सहज
और सरल ढंग से निश्चित ही
प्रस्तुत कर सकते हैं, यही हमें
सदैव करना भी चाहिए
और यही अभीष्ट होता है।
*******************
- श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं। इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं। मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं।