आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो............. आज का चिंतन ........... निर्भरता.............. संजय अग्रवाल

आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो
आज का चिंतन
- संजय अग्रवाल
निर्भरता
आत्मनिर्भर व्यक्ति
विश्वास और साहस से
भरा हुआ होता है और
जो व्यक्ति दूसरों पर
निर्भर होता है
वह कमजोर और
दबा हुआ होता है।
चाहत
हर व्यक्ति की
चाहत होती है कि
वह अपने दम पर
जीवन जीने में,
अपने सभी कार्य
स्वयं करने में,
हमेशा सक्षम रहे,
किसी और पर कभी भी
निर्भर ना हो क्योंकि
निर्भरता हमें
पराधीन बना देती है
और _
पराधीन सपनेहु सुख नाहीं_
साहस
कार्य करने के लिए हमें
दूसरों के सहयोग और
मार्गदर्शन की
आवश्यकता होती है
किंतु किसी भी कार्य के लिए
किसी एक व्यक्ति पर
सदैव निर्भर
नहीं रहा जा सकता।
हम जीवन में निरंतर
बढ़ते रहें, कार्य करते रहें,
किसी पर निर्भर होकर
बंधे नहीं, रुके नहीं,
इतना साहस और आत्मशक्ति
होना ही चाहिए।
किसी व्यक्ति विशेष से
आसक्ति, हमारे मन में
दुर्बलता, निर्भरता को
जन्म देती है जो
हमें शनै शनै कमजोर
करती चली जाती है
और अंततः हमें
पतन की ओर ले जाती है।
क्या करें
मन पर कमजोरी को
हावी न होने दें।
व्यक्ति विशेष पर
निर्भरता ना रखें और
सदा अन्य विकल्प की
खोज करें।
चरैवेति चरैवेति,
चलते रहें बढ़ते रहें।
जीवन में यही
अभीष्ट होता है।
****************
श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं। इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं। मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं।