आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...

आज का चिंतन

                                                  * संजय अग्रवाल

 

बंधन तोड़ो ना 

हमारे ऊपर पारिवारिक

व्यवसायिक या सामाजिक 

बंधन तो होते ही हैं, लेकिन 

जो हमारे व्यवहार को 

सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं 

वह हमारे खुद के मन के

विचारों के, आदतों के

सोचने की क्षमता के

मानसिकता के 

बंधन ही तो होते हैं।

 

दो संसार 

हमारे बाहर का जो संसार है 

उस पर हमारा नियंत्रण

लगभग शून्य होता है

लेकिन हमारे अंदर 

का जो संसार है

वह हमारी सोच

आदतों, समझ, परिपक्वता 

इत्यादि का होता है और 

उस पर शत प्रतिशत नियंत्रण 

हमारा स्वयं का ही होता है

या प्रयास करने से हो सकता है।

 

भूल

हमारी भूल यह हो जाती है 

कि हम अधिकांशतः 

अपनी ऊर्जा और शक्ति 

का अधिकतम भाग 

बाहरी संसार को

अन्य लोगों को 

बदलने में 

व्यय, खर्च कर देते हैं।

 

उपाय 

एकमात्र उपाय यही है कि हम 

अपनी आत्म शक्ति और चेतना 

और कर्मण्यता को 

अधिकतम विस्तार दें

स्वयं पर परिश्रम करें और 

दूसरी ओर 

बाहरी संसार में 

न्यूनतम विरोध के साथ 

स्वयं को सदैव 

प्रगति की राह पर बढ़ाते रहें 

सहयोग लेते और देते रहें।

 

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  •  श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों का सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं