आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो............................आज का चिंतन................... संजय अग्रवाल

आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो
आज का चिंतन
- संजय अग्रवाल
मैंने सोचा मुझे लगा
जब कभी कुछ
गलत हो जाता है
तो हम अपने
ध्यान में लाते हैं कि
गलती कहां रह गई
और तब सोचते -सोचते
अंत में यह समझ में आता है कि
कहीं ना कहीं हमसे
मैंने सोचा या
मुझे लगा
ऐसा सोचने के कारण
चूक हो गई
लगना और होना
हमें लगता है कि
यह काम अच्छे से
हो जाएगा या
वह इसे अच्छे से
कर लेगा और
ऐसे में यदि हमारा
आपसी संवाद
कहीं ना कहीं अधूरा
रह जाता है तो
गलती होने का वह
एक कारण बन जाता है
संवाद में सारा खेल
दो लोगों की
आपसी समझ और
सामान निष्कर्ष पर
पहुंचने का होता है
सोचना और होना
हम कार्य की
पूर्णता के लिए
अपनी ओर से
सारे प्रयास कर लेते हैं
व्यवस्था जमा लेते हैं
सभी संबंधित लोगों को
अपनी ओर से पूरा - पूरा
बता देते हैं और
फिर सोच लेते हैं कि
वह कार्य अच्छे से
संपूर्ण रूप से हो जाएगा
किंतु बाद में यदि कुछ
गलत हो जाता है तब
पता चलता है कि
जैसा हमने सोचा था
दरअसल या तो
उस स्थिति परिस्थिति में कोई
अनसोचा बदलाव आ गया
जिसे हमने पहले
ध्यान ही नहीं किया था
या सामने वाले व्यक्ति ने
ऐसा कुछ समझ लिया था
जिसे हम
सोच नहीं पाए थे
और उसे बता नहीं पाए थे
या हमारे बताने में
अधूरापन रह गया था
इसी प्रकार की गलतियों से
हमारे अनुभवों में
समझ में
बढ़ोत्तरी होती रहती है
उपाय
कोई कमी या गलती
ना रह जाए
इसका एकमात्र उपाय
यही है कि हम
अधिक से अधिक
व्यवस्थित हो जाएं
कार्य की योजना की
सभी संभावित कमियों को
दूर कर पाए
द्विपक्षीय संवाद में
कोई कमी ना छोड़े
लिखित सूचना और जानकारी
यथासंभव देते जाएं
लेते जाएं
मुझे जांचना होगा कि
अपने प्रयासों में
मैंने सोचा या
मुझे लगा
इस गलती से मैं
स्वयं को कितना
बचा पाया हूं
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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं। इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं। मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं।