आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल  

 

जिज्ञासा

 

जानने की इच्छा से ही 

अध्ययन प्रारंभ होता है 

प्रयास की शुरुआत होती है 

सक्रियता उदित होती है 

सहयोग की भावना आती है 

जिज्ञासा होने पर ही 

नई राह की खोज 

नई दिशा की यात्रा 

प्रारंभ होती है।

 

परोसा जाना

आज हमें सारी जानकारी सहज 

ही उपलब्ध हो रही हैं बल्कि 

यहां तक कि विभिन्न प्रकार की

वो जानकारीयां हमें सोशल मीडिया 

या अन्य माध्यमों से 

निरंतर, अनवरत परोसी जा रही 

हैं जो कि कई बार हमारे लिए 

व्यर्थ और अनावश्यक ही होती 

हैं और हम इनके घेरे में, इनके 

बंधनों में अनजाने और 

अनचाहे ही घिरते जा रहे हैं,

फंसते जा रहे हैं

समय का नाश कर रहे हैं।

हम क्या सोच रहे हैं,

क्या कर रहे हैं,

चाहते हैं इत्यादि का 

डाटा लेकर उसी तरह की

जानकारी हम पर लादी जा रही है

टेक्नोलॉजी के माध्यम से।

परोक्ष रूप से हमारे दिमाग की 

प्रोग्रामिंग की जा रही है।

 

मौलिकता और प्रामाणिकता

बनावट, मिलावट और 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के

समय में मौलिक और प्रामाणिक

जानकारी का नितांत अभाव हो 

रहा है। भ्रम बढ़ रहा है।

 

क्या करें

संपर्क संवाद अनुभव अध्ययन 

चर्चा परिचर्चा भ्रमण अवलोकन 

परीक्षण प्रेक्षण इत्यादि के माध्यम 

से नित नया सीखने,

जानने समझने का

करते रहें।

 

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं

 

न्यूज़ सोर्स : संजय अग्रवाल