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आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल  

 

सामर्थ्य और विश्वास.........

 

स्वयं के सामर्थ्य का आकलन  

व्यक्ति अधिकतर स्वयं करता है 

किंतु इसकी जानकारी 

कभी-कभी दूसरे से भी होती है 

जैसे हनुमान के सामर्थ्य 

को जगाया जामवंत ने।

इसी प्रकार व्यक्ति को 

स्वयं पर विश्वास होता ही है। 

अवास्तविक विश्वास 

अहंकार भी बन जाता है।

कभी-कभी दूसरे के 

विश्वास के सहारे व्यक्ति 

अपनी सामर्थ्य से बढ़कर कार्य 

और प्रदर्शन कर जाता है।

 

प्रभाव और दृढ़ता

दूसरों के प्रभाव से स्वयं को 

कितना बचाना है, इसका निर्णय 

व्यक्ति के विवेक पर निर्भर करता है 

व्यक्ति में स्वयं की दृढ़ता 

और आत्मविश्वास से 

दूसरों के प्रभाव की उचितता का 

आकलन किया जा सकता है।

 

क्या करें

आज के समय में न केवल व्यक्ति 

बल्कि टेक्नोलॉजी की सहायता से

अनेक प्रकार से प्रभाव 

डाला जा रहा है।

गलत प्रभाव से खुद को 

बचा लेना ही बुद्धिमानी है 

और यही अभीष्ट होता है।

 

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं