आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

 

  • संजय अग्रवाल  

चैट जीपीटी और हम

 

 

चैट जीपीटी हमारे

दिए गए निर्देशानुसार

हमें वांछित सामग्री

हमारे दिए गए फॉर्मेट जैसे 

टेक्स्ट या ऑडियो या वीडियो 

या पीपीटी इत्यादि रूप में 

तैयार करके

प्रस्तुत कर देता है।

यह सब वो उसके पास

उपलब्ध तमाम डाटा जो कि

टेक्स्ट, फोटो वीडियो, आवाज इत्यादि के

माध्यम में  उपलब्ध है,

उसी में से आवश्यकता के अनुसार

सामग्री को जमा सजा 

कर आपके सामने

पेश कर देता है।

 

व्यवहार

हमारा व्यवहार भी

कुछ इसी तरह हमारे अपने

सोचने की प्रवृत्ति, शक्ति,

पुराने अनुभवों के संग्रह और 

निर्णय लेने की क्षमता इत्यादि 

पर ही निर्भर करता है

और इसमें भविष्य की

को भी शामिल

कर लिया जाता है जो कि

चैट जीपीटी में

नहीं किया जाता है।

 

सुधार

जिस तरह डेटाबेस की

वृद्धि से चैट जीपीटी के

प्रस्तुतीकरण में निरंतर सुधार

होता जा रहा है

वैसे ही हमारे जीवन में भी

नए-नए अनुभवों का

समावेश होते रहने से 

हमारी परिपक्वता में

वृद्धि होती है और 

हमारे व्यवहार में भी

सुधार दिखने लगता है।

 

बेहतर विकल्प

जीवन में हम हमेशा

बेहतर विकल्प का 

चुनाव करते हैं।

इसीलिए चैट जीपीटी पर

अनावश्यक रूप से

निर्भर न होकर

हम अपनी मौलिक सोच

और सृजन को बनाए रखें

और इस बढ़ाते रहें

संपर्क और संवाद का

कोई अवसर न छोड़े,

यही आज के समय में

अभीष्ट हो गया है।

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं