आज का चिंतन

                                                  * संजय अग्रवाल

 

 

बेहतर

 

हम सब अपने जीवन में

सब कुछ अच्छा होने की

श्रेष्ठ पाने की इच्छा रखते हैं।

वातावरण, परिस्थितियों

लोगों पर हमारा कोई 

नियंत्रण नहीं होता है,

लेकिन स्वयं की सोच

विचार, प्रयास पर हमारा 

पूर्ण नियंत्रण होता है।

हम निरंतर बेहतर करें 

यही उचित और 

संभव होता है।

 

बदलाव

लोगों में, परिस्थितियों में

परिवेश में बदलाव 

लाना संभव नहीं है 

इसलिए इसकी 

कोशिश करना व्यर्थ है

अपितु हमारे स्वयं के 

प्रयास और बेहतर हों,

केवल यही संभव है 

और इसके लिए हमें 

निरंतर सचेत, सतर्क और 

क्रियाशील रहना होता है।

 

अपेक्षा

दूसरों से हमारी अपेक्षा 

पूरी हो जाए इसकी 

कोई गारंटी नहीं है लेकिन 

स्वयं से हमारी अपेक्षा 

पूरी करने की गारंटी 

और जिम्मेदारी 

हमारी ही होती है।

 

अनुभव

यदि हम अपने 

प्रयासों के परिणाम का

पर्याप्त विश्लेषण कर

गलतियों से सबक लेकर

नए विचारों और 

नवीन उत्साह और 

ऊर्जा के साथ

पुनः प्रयास करेंगे तो 

हमें निरंतर बेहतर होने 

के सुखद अनुभव और 

संतुष्टि की प्राप्ति 

अवश्य होगी।

 

आईए आज हम 

स्वयं में झांकते हैं 

और देखते हैं कि 

क्या हम अपनी सोच 

और अपने प्रयत्नों को 

बेहतर करने के लिए 

सचेत और सतर्क हैं?

 

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  •  श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों का सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं