आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो... आज का चिंतन * संजय अग्रवाल
आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...
आज का चिंतन
* संजय अग्रवाल
ठहर कर चलें
आज का जीवन आपा धापी
भागम भाग का हो गया है
हम व्यस्त हैं
या अस्त व्यस्त हैं?
फोमो FOMO
फियर ऑफ़ मिसिंग आउट
यानी कुछ रह न जाए
छूट न जाए
इसका डर, निरंतर।
और इसके लिए
यह भी कर लूं
वह भी कर लूं
लेकिन हासिल क्या हो रहा है,
ना तो उसकी जानकारी है
और न कोई खुशी
और न ही उस से
कोई संतुष्टि है।
आत्म केंद्रित
क्या हम स्वयं पर ही
केंद्रित होकर रह गए हैं?
दूसरों की तरफ
ना तो हमारा ध्यान है
और ना ही उनके लिए
हमारे पास पर्याप्त समय है
हम सिर्फ अपनी इच्छा
और अपने लक्ष्य
को पाने के लिए
अपनी पूरी ऊर्जा
पूरा समय केवल वहीं पर
दिए जा रहे हैं।
रिश्तों में रिक्तता
परिवार के सदस्यों को भी
पूरा समय हम दे नहीं पाते हैं
और हमारा संपर्क और संवाद
भी वर्चुअल हो चला है।
सामाजिक रिश्ते
निभाते तो हैं पर
वह भी रसमी तौर पर।
उनमें भी आत्मीयता
का अभाव हो गया है।
मोह और आकर्षक
हम ज्यादातर काम अपने
मोह के कारण करते हैं
जैसे प्रशंसा पाने का मोह
सराहे जाने का मोह
या आकर्षित होकर करते हैं
जैसे सोशल मीडिया
या दूसरों से होड़,
बिना यह जाने और समझे
कि हमारी मूल प्रवृत्ति क्या है
मूल आवश्यकता क्या है
और क्या करने से हमें
वास्तविक संतुष्टि प्राप्त होगी।
क्या करें
भागते रहने से रुक कर,
थोड़ा ठहर कर,
यह सोचें कि
हमें क्या करना है
क्यों करना है कितना
और किस तरह करना है
तो शायद हम
ज्यादा व्यवस्थित होकर
कुछ अच्छा कर पाएंगे
और उस से हमें
संतोष भी मिल सकेगा।
*******************
- श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं। इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं। मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं।