आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...

आज का चिंतन

                                                  * संजय अग्रवाल

 

मेरा उपयोग

हमें हमेशा यह डर लगता है

कि कोई मेरा उपयोग न कर ले

और इसीलिए हम

लोगों के साथ

संबंध बनाने से डरते हैं,

सहज होने से बचते हैं।

हमारा प्रयास रहता है कि

हमारे सामर्थ्य और संसाधनों

का उपयोग हम मात्र

अपने लिए करें और

अपनी सुविधा से करें।

यदि इनका उपयोग हमें

दूसरों के लिए करना पड़े तो

कदाचित हमें तकलीफ होगी,

ऐसा सोचकर हम

लोगों के साथ

पूर्ण रूप से

सहज नहीं रह पाते हैं

और इसीलिए

हमारे संबंध भी

सिर्फ स्वार्थ के लिए

और आपसी सुविधा

के लिए रह जाते हैं।

 

मेरी शक्ति मेरे साधन

यदि मेरे पास भरपूर शक्ति है

और संसाधन हैं, रिसोर्सेज हैं

तो उसके लिए हमें ईश्वर के प्रति

कृतज्ञ होना चाहिए

और उनका सदुपयोग

मानव मात्र के कल्याण

के लिए हो जाए

इसके लिए सदैव

तत्पर होना चाहिए।

 

सोच का अंतर

जब हम तकलीफ या

मुसीबत में होते हैं

तब हम चाहते हैं कि

हर कोई हमारी

भरपूर मदद करें

लेकिन जब दूसरे की

मुसीबत या तकलीफ में

मदद की बात आती है

तो हम पीछे हट जाते हैं

बचने की कोशिश करते हैं।

 

मेरा कर्तव्य

मुझे हमेशा इस बात के लिए

चेतन और तत्पर रहना होगा

कि मैं किस प्रकार

किसी की भी

सहायता कर सकता हूं

या उसके कष्ट को कम करने में

सहायक हो सकता हूं

ऐसा करने से आत्मसंतोष

की अनुभूति होगी

और भगवत कृपा भी मिलेगी।

 

मुझे जांचना होगा कि

उपयोग किए जाने

के डर से

मैं लोगों से

दूरी तो नहीं बना रहा हूं ?

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  •  श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं