आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो... आज का चिंतन .............................. संजय अग्रवाल
आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...
आज का चिंतन
* संजय अग्रवाल
आखिर से शुरुआत
बहुत बार बातचीत में
ऐसा होता है कि हम
जो कहना चाहते हैं
वह कहने की बजाय
ऐसा है.. वैसा है..
यह है.. वह है.. इत्यादि
चीजों में उलझ जाते हैं,
बात कहीं की कहीं
निकल जाती है और
मुख्य बात कह ही नहीं पाते हैं।
संकोच या डर
व्यक्ति अपनी बातों, इच्छाओं,
अपेक्षाओं, विचारों को
सीधे-सीधे रख नहीं पाता है
क्योंकि कभी-कभी
डर या संकोच उस पर
हावी होता है या उसमें
आत्मविश्वास की कमी होती है
और व्यक्ति प्रयास करता है कि
इधर-उधर की बातें करके
उनके बीच में
अपनी बात भी रख दे।
स्पष्टता
बातचीत में स्पष्टता नहीं होने से
सही बात सही ढंग से
नहीं हो पाती है
काम भी नहीं होता है और
मन में असंतोष होता है,
घुटन भी हो सकती है।
उपाय
_मैं यह कहना चाहता हूं कि..._
इस वाक्य से बात
यदि शुरू की जाए
और फिर उसके पीछे के
कारण या संदर्भ बताए जाएं
तो बातचीत अधिक स्पष्ट,
सारगर्भित और उपयोगी
हो सकती है और
यही अभीष्ट होता है।
*******************
- श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं। इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं। मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं।