आपका दिन शुभ हो... मंगलमय हो...

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

                                                  * संजय अग्रवाल

 

बातें खुद से 

 

दिन भर हम स्वयं से ही 

न जाने कितनी बातें 

करते रहते हैं जिसे हम 

कहते हैं कि हमारे मन में 

यह चल रहा है।

 

सतर्कता

दूसरों से बात करते समय 

हम अत्यधिक सजग

सतर्क, सावधान 

और सचेत रहते हैं।

हम पूरा प्रयास करते हैं कि 

हमसे कोई गलत बात 

ना हो जाए लेकिन 

वहीं दूसरी ओर 

स्वयं से बातें करते समय 

यह सजगता और जागरूकता 

न जाने कहां विलुप्त 

हो जाती है और 

हम स्वयं से हर तरह की 

बातें करते हैं और 

निरंतर करते चले जाते हैं

 

प्रभाव

जब हम स्वयं से बातें करते हैं 

और उनमें नकारात्मकता

क्लेश, विरोध, शिकायत, दुख,

असंतोष इत्यादि शामिल होता है 

तो हम अंदर ही अंदर निराश

हताश और परेशान होते हैं।

वहीं दूसरी ओर जब हम 

समाधान का विचार करते हैं 

तो हमें ढेर सारे विकल्प

उपाय, रास्ते दिखने लगते हैं 

और हमारे मन में उत्साह

ऊर्जा, प्रयास, प्रेरणा और 

सहयोग इत्यादि के भाव 

उमड़ने लगते हैं।

 

सावधानी

इसीलिए जब हम स्वयं से 

बातें करते हैं तो हम स्वयं का 

निर्माण कर रहे होते हैं। 

दूसरों से गलत बात होने पर 

कदाचित संबंध खराब 

हो सकते हैं लेकिन स्वयं से 

खराब बातें करने से हमारा 

चरित्र और व्यक्तित्व 

ही नष्ट होने लगता है

और इसीलिए हमें 

स्वयं से बात करते समय

अत्यंत सावधान रहना चाहिए 

और यही अभीष्ट होता है।

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  •  श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं