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आज का चिंतन

                                                  * संजय अग्रवाल

 

 

अपने अपने सूत्र

 

हम सब जीवन में

अपने अनुभवों के आधार पर  

स्वयं के व्यवहार के।

 अपने मापदंड

निर्धारित कर लेते हैं  

और उन्हीं के अनुसार

 अपने सूत्र बना लेते हैं

 और उन्हीं के अनुसार

 अपना आगे का जीवन

जीते जाते हैं

जीवन में नए अनुभवों के कारण

 हमारे विचारों में परिवर्तन होता है

 और तब हम

अपने पूर्व के मापदंड

और सूत्रों में भी

अपनी सुविधा अनुसार

बदलाव कर लेते हैं

 

बाल्यावस्था में हम

दूसरों की नकल करते हैं

 और सीखते हैं

 थोड़ा बड़े होने पर खुद के विचारों

 खुद की सोच से भी कुछ नया करते हैं  

और तब थोड़ा ज्यादा सीखते हैं

 और तब हम तुलना करने में

सक्षम होकर तुलना भी कर पाते हैं

और जीवन में बेहतर विकल्प को अपना लेते हैं  

 

क्या बेहतर है

यह समझ भी हमारी धीरे-धीरे विकसित होती है

 तात्कालिक स्थिति में हम सब

 हमेशा ही सही कर रहे होते हैं

 किंतु भविष्य में हमें पता चलता है

कि हम कहां क्या गलती कर गए  

हमसे क्या गलती हो गई

और तब अपनी उन गलतियों से

हम अपने विचारों में, व्यवहार में

 तदनुसार सुधार लाते चले जाते हैं  

 

जीवन भर यह कम अनवरत चलता रहता है  

और इसी से हम अपने जीवन का समग्र निर्माण कर पाते हैं

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  •  श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं