आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल  

 

लगता है कि...

 

सामान बेचने वाले को लगता है 

कि मैंने सस्ते में बेचा और 

खरीदने वाले को लगता है कि 

मुझे थोड़ा महंगा पड़ा

 

छात्र को लगता है कि 

मुझे नंबर कम मिले और 

मूल्यांकनकर्ता कहता है कि 

मैंने नंबर अधिक दिए

 

पति को लगता है कि मुझे 

स्वतंत्रता कम मिलती है और 

पत्नी कहती है कि मैंने इन्हें 

भरपूर छूट दे रखी है

 

माता-पिता को लगता है कि 

बच्चे हमारा ध्यान नहीं रखते और 

बच्चे कहते हैं कि हम अपनी ओर 

से इनकी पूरी सेवा करते हैं

 

मालिक कहता है कि नौकर 

काम कम करता है और 

नौकर कहता है कि मुझसे 

हाड़ तोड़ काम लिया जाता है।

 

व्यक्ति को लगता है कि उसे 

उसकी योग्यता के अनुपात में 

कम मिला है 

और ईश्वर की व्यवस्था है 

कि जो जितना योग्य है 

उसे उतना ही मिलता है

 

अंतर सिर्फ स्वयं के दृष्टिकोण 

और 

स्वयं की मान्यता का होता है

 

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं