शुभ रविवार.... आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल  

 

गुजर कर निकलना 

 

जीवन में जिन रास्तों से 

गुजर कर हम निकलते हैं 

वह हमारा अनुभव, हमारी शिक्षा 

हमारी शक्ति बन जाते हैं।

 

सब कुछ

जीवन में प्यार मिलता है 

तो प्रताड़ना भी,

स्वीकार्यता मिलती है तो

विरोध भी

अनुकूलता मिलती है

तो प्रतिकूलता भी

यानी सब कुछ मिलता है 

जो आपस में विपरीत 

हो सकता है और इसी 

सब कुछ से जीवन का 

सही निर्माण होता है।

 

आजकल

आजकल बच्चों के लिए नियम 

बनाए गए हैं कि

 आप उन्हें प्यार करिए,

समझाइए लेकिन 

डांटिए नहीं, मारिए नहीं 

उन्हें तनाव, दिक्कत, परेशानी

अभाव कुछ नहीं होना चाहिए 

किंतु क्या ऐसा हमेशा संभव है?

कतई नहीं

 

प्रकृति

प्रकृति में भी

और जीवन में भी

धूप है तो छांव भी है 

सुख है तो दुख भी है 

मन का मिलता है तो 

नहीं भी मिलता है..

संघर्ष प्रकृति का अनिवार्य तत्व है 

और इससे बचा नहीं जा सकता।

जीवन में स्वयं को हर संघर्ष के लिए 

तैयार रखना ही उचित 

और अनिवार्य होता है।

 

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं