आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल  

 

विराट स्वरूप

 

जब श्री कृष्ण के

संधि प्रस्ताव को ठुकराकर

दुर्योधन ने उन्हें 

बांधने का प्रयास किया

तब श्री कृष्ण ने

अपना विराट स्वरूप दिखाया

जिसे दुर्योधन

खुली आंखों से

देख भी नहीं सका।

 

आत्म स्वरूप

समस्याएं भी

छोटी हो जाती हैं 

जब हम अपने

आत्मविश्वास के स्वरूप को

विराट कर लेते हैं 

अर्थात अपनी संघर्ष क्षमता को 

समस्या की

सीमा से भी बड़ा,

बहुत बड़ा कर लेते हैं 

तब समस्याएं

छोटी हो जाती है 

और हम

विजयी हो जाते हैं।

 

सोच का दायरा

जब हम अपनी सोच और

विचार के दायरे को

बड़ा करते जाते हैं

तब कई

विकल्प नजर आते हैं

और समस्या का

कोई ना कोई 

हल अवश्य निकल आता है।

 

क्षमता और नियंत्रण 

हमारी क्षमता

हमारे प्रयासों की शक्ति से

निर्धारित होती है 

जो कि हमारे

नियंत्रण में होती है 

लेकिन जब स्थिति

हमारे नियंत्रण से

बाहर होती है तब 

प्रकृति के विधान को

स्वीकार करना ही

श्रेयस्कर होता है।

 

****************

https://dailynewshub.net/ws/dailynewshubnet/news/202411/Agrawal_Sanjay_IT_-_Copy-8.jpg

श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं