आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो

 

 

 

 

 

आज का चिंतन

  • संजय अग्रवाल  

 

काश कह देता..

 

कई बार कह ना पाने का

अफसोस उम्र भर सालता है।

बोलना कैसे है, यह तो 

हम बचपन में सीख जाते हैं 

लेकिन कब, कहां, कितना 

और क्यों बोलना है 

या नहीं बोलना है,

यह सीखने में 

पूरी उम्र लग जाती है।

 

संकोच या डर

सामने वाला क्या सोचेगा 

या बुरा तो नहीं मान जाएगा 

इसी संकोच से कई बार

हम अपनी बात कह नहीं पाते।

हमारे रिश्ते तो खराब नहीं होंगे 

या हमारा कुछ अहित हो जाएगा 

इस सोच के कारण भी हम 

कई बार सही समय पर

सही बात 

बोलने से चूक जाते हैं।

 

सरलता और सहजता

यदि हमें स्वयं की सत्यता

निर्मलता और पवित्रता पर

पूरा विश्वास है तो 

हम निश्चित तौर पर

सरलता और सहजता से

अपनी बात 

सदैव रख सकते हैं।

कुछ पाने की इच्छा 

और कुछ खोने के डर से 

यदि हम उबर गए तो 

हम अपनी हर बात को 

स्पष्टता और पूर्णता के साथ 

रखने में सदैव सक्षम रहेंगे।

 

क्या करें

हमारे स्वयं के जीवन को 

प्रभावित करने वाली

एक बात के लिए हम

विनम्रता और दृढ़ता से 

अपनी बात रखें

यही अभीष्ट होता है।

 

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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभागनागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं इसीलिए वे संपर्कसंवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं  मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं