आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो ............................. आज का चिंतन .................कठपुतली................. संजय अग्रवाल

आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो
आज का चिंतन
- संजय अग्रवाल
कठपुतली
हम सभी ने कठपुतली का
नृत्य देखा है
जहां एक कलाकार
अपनी उंगलियों में लपेटी गई
डोरियों से बंधे
गुड्डे गुड़िया द्वारा
नृत्य करवाता है।
हमें लगता है
गुड़िया नृत्य कर रहे हैं
लेकिन असल में
कोई कुशल कलाकार
छिप करअदृश्य डोरियों के
माध्यम से यह सारा
प्रपंच कर रहा होता है।
कैसे-कैसे घेरे
अब हमें आभास भी
नहीं होता कि
अनजाने ही हम बाजार की
ताकतों और टेक्नोलॉजी के
कुशल कलाकारों के घेरे में
किस तरह फंसे हुए हैं
और वह भी हमें
कठपुतली की तरह
नचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं
और बहुत हद तक
सफल भी हो रहे हैं।
स्वतंत्र सोच
हम स्वयं में यह जांच करें कि
आज हमारी सोच में
वस्तुतः कितनी निजता, गहनता,
मौलिकता और स्वतंत्रता
रह गई है
और हमारा व्यक्तित्व व
सोच, विचारशीलता,
हमारे कार्य और
व्यवहार, मीडिया, सोशल मीडिया
इत्यादि द्वारा रोपे गए,
थोपे गए, बतलाए गए
विचारों से कितना
प्रभावित हो रहे हैं।
क्या करें
हम पढ़ने, लिखने और
बोलने के अपने
नैसर्गिक, मौलिक गुणों को
बनाए रखें,
सजग और चेतन रहते हुए
प्रत्यक्ष मेल जोल व
अपनी मौलिक सोच और
सृजन को बचाए रखें,
अनावश्यक रूप से
प्रभावित होने से बचें, बचाएं
और यही आज के
समय की आवश्यकता है।
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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं। इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं। मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं।