आज का चिंतन

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं....
आज का चिंतन
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सीधा संपर्क
आज हमें लगता है कि
हमारा संपर्क बहुत लोगों से हैं
हम बहुत लोगों को जानते हैं
लेकिन प्रश्न यह है कि हमारा
सीधा संपर्क कितनों से है
अर्थात कितनों से हमारी
व्यक्तिगत बातचीत और
मुलाकात होती रहती है।
गहराई
संबंधों में गहराई
मिलने जुलने और
बातचीत करने से
ही आती है।
व्हाट्सएप या फेसबुक इत्यादि
के संपर्क अधिकांशतः क्षणिक
और क्षणभंगुर ही होते हैं।
आत्मीयता
एक दूसरे से मिलने और
बात करने से जो
आत्मीयता उत्पन्न होती है
वह परोक्ष संपर्क में
संभव ही नहीं है।
भुलावा
परोक्ष संपर्क द्वारा हम
समझ लेते हैं कि इनसे
हमारा संबंध स्थापित हुआ है
किंतु यह पूर्ण सत्य नहीं होता है।
और कई बार इस भ्रम से
हमें निराशा और
तनाव भी होता है।
आत्मविश्वास
व्यक्तिगत संपर्क से जो
आत्मविश्वास और आनंद
और संतोष की प्राप्ति
होती है वह अन्यथा
संभव नहीं होती है।
और जीवन में
यही अभीष्ट होता है।
संजय अग्रवाल
संपर्क संवाद सृजन स्पर्श
नागपुर / भोपाल