आज का चिंतन

 

ख्याल ही नहीं आया

कई बार ऐसा होता है कि

हम किसी परेशानी या समस्या

या जिज्ञासा के लिए उपयुक्त

व्यक्ति को ढूंढ रहे होते हैं और

जब ऐसा व्यक्ति मिलता है

जो हमारे निकट के और

पहचान के लोगों में से है

तब हमें लगता है कि

उनके बारे में हमें पहले

ख्याल क्यों नहीं आया।

 

कारण

इसका एक प्रमुख कारण यह है

कि हमने लोगों से

मिलना जुलना, बातचीत करना,

निरंतर संपर्क और

संवाद बनाए रखना

यह सब बहुत कम कर दिया है

और सोशल मीडिया

और आभासी दुनिया में

स्वयं को डुबो दिया है।

उपाय

एक उपाय यह भी है कि

हम लगातार लोगों से

अपने विचारों को,

जीवन की घटनाओं को

और उन सभी

महत्वपूर्ण बिंदुओं को

उचित रूप से शेयर करते रहें

तो लोगों से अपने आप ही हमें

समाधान प्राप्त होते रहेंगे

और यह एक

अनुभवजन्य बात है।

संजय अग्रवाल

संपर्क संवाद सृजन

भोपाल /नागपुर