आज का चिंतन

आज का चिंतन
काम हो जाए
कई बार हम दूसरों को,
या दूसरे हमको,
यह समझाते हैं कि
काम क्यों नहीं हुआ।
समय और ऊर्जा
काम क्यों नहीं हुआ
इस पर चर्चा करना
अधिकांशतः समय और ऊर्जा
का अपव्यय ही होता है।
अतः चर्चा इस पर केंद्रित हो
कि अब काम कैसे हो सकता है
या इसे कैसे करना चाहिए।
कारण और निवारण
कोई कार्य जिस किसी भी
कारण से नहीं हुआ,
उसमें जो भी हमारी भूल चूक
या जो भी कमजोरी रही
उन सब का अनुभव अब
हमें हो ही चुका है और
तत्कालीन परिस्थितियां
यदि कोई कारण रही हों तो
वो परिस्थितियां भी अब
इस समय, वर्तमान क्षण में,
ज्यादातर बदल ही चुकी हैं।
अतः उन पर चर्चा करना
अनावश्यक होता है, अपनी
नाकामी का बखान करना और
समय को व्यर्थ करना होता है।
उद्देश्य
हमारा एकमात्र उद्देश्य
सदैव यही रहता है कि
कार्य संपन्न हो जाए,
और इसके लिए हमें
अपनी संपूर्ण ऊर्जा
और समस्त संसाधनों
को उपयोग में लेना चाहिए,
नए नए तरीके और
उपाय ढूंढना चाहिए।
और यही अभीष्ट होता है।
संजय अग्रवाल
सम्पर्क संवाद सृजन
भोपाल / नागपूर