राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिये म.प्र. के 02 शिक्षकों का चयन
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिये म.प्र. के 02 शिक्षकों का चयन
नई दिल्ली . उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों के लिये शुरू किये गये राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार योजना के
तहत मध्यप्रदेश के दो शिक्षकों का चयन किया गया है। चयनित शिक्षकों में भोपाल स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. नीलाभ तिवारी और इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) के प्रो. कपिल आहूजा शामिल हैं। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) 2024 के लिए उच्च शैक्षिक संस्थानों (एचईआईएस) और पॉलिटेक्निक के कुल 16 शिक्षकों का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिये किया है जिनमें मध्यप्रदेश के प्रो. नीलाभ तिवारी और प्रो. कपिल आहूजा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होंगे। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिये तमिलनाडु, गुजरात, नई दिल्ली, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पुडुचेरी, तेलंगाना और चंडीगढ़ के उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षक शामिल हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार विद्यार्थियों, संस्थान और शिक्षा व्यवसाय की उन्नति के लिए प्रेरित, ऊर्जावान और सक्षम संकाय महत्वपूर्ण है। इसमें शिक्षा इकोसिस्टम में उत्कृष्टता की संस्कृति विकसित करने के लिए पुरस्कार और मान्यता जैसे प्रोत्साहनों की भी परिकल्पना की गई है। ऐसे में, वर्ष 2023 में, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) के तहत उच्च शैक्षिक संस्थानों (एचईआई) और पॉलिटेक्निक के लिए पुरस्कारों की दो श्रेणियां स्थापित करने का निर्णय लिया गया था। अब तक यह पुरस्कार केवल स्कूल शिक्षकों तक ही सीमित थे।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी) उच्च शिक्षा संस्थानों और पॉलिटेक्निक के अनुकरणीय शिक्षकों/संकाय सदस्यों को प्रदान किया जाता है:
चयन शिक्षण अधिगम प्रभावशीलता, जनसंपर्क गतिविधियों, अनुसंधान और नवाचार, प्रायोजित अनुसंधान / संकाय विकास कार्यक्रम / परामर्श शिक्षण जैसे मापदंडों के आधार पर शिक्षक के प्रदर्शन पर आधारित है। उपरोक्त में से, सीखने की प्रभावशीलता और जनसंपर्क गतिविधियों का प्रमुख महत्व है।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी), 2024 के लिए नामांकन राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल @www.awards.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन माध्यम से आमंत्रित किए गए थे और इसमें जनभागीदारी के हिस्से के रूप में स्वयं, संस्थागत और सहकर्मी नामांकन के प्रावधान शामिल थे।