सरकार .. हमें भी दिलाओ सस्ते टमाटर !

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देश में इस साल पूरे मानसून के मौसम में अच्छी बारिश होने से सब्जियों के उत्पादन पर काफी असर पड़ा है जिसके कारण सभी सब्जियों के दाम अभी भी आसमान छूने को आतुर हो रहे हैं। देश की राजधाने दिल्ली में टॅमाटर के खुदरा मूल्य क्या हैं, इसकी जानकारी तो नहीं है लेकिन भोपाल में खुदरा कीमत 80 रूपये किलो से कम नहीं है। जब भोपाल में 80 रूपये में एक किलोग्राम टमाटर मिल रहे हैं तो दिल्ली में भोपाल से अधिक कीमत होगी ही, ऐसा आम उपभोक्ताओं का मानना है। सरकार भी बढ़ती कीमतों को लेकर आम उपभोक्ताओं के दर्द को समझती है तभी तो दिल्ली के उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिये रियायती दरों पर टमाटर उपलब्ध करा रही है। सरकारी खबरों के अनुसार दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 50 स्थानों पर 65 रूपये किलो की दर से केंद्र सरकार का एक महकमा उपभोक्ताओं को टमाटर बेच रहा है। सरकार दावा कर रही है कि उपभोक्ताओं को रियायती दरों  पर यानि 65 रूपये प्रति किलोग्राम टमाटर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा रही है तो इसका यही मतलब लगाया जाएगा कि सरकार के महकमे ने 65 रूपये किलो से अधिक कीमत में टमाटर खरीदा होगा। अब प्रश्न यह भी उठता है कि सरकारी खरीदी की एक प्रक्रिया होती है। या तो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे या निविदा के माध्यम से। एक नागरिक होने के बाते यह जानने का अधिकार है कि सरकार ने किस कीमत पर टमाटर खरीदा है।  

    सरकार की नजर में टमाटर की बढ़ती कीमतों से केवल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी के नागरिक ही प्रभावित हो रहे हैं। तभी तो रियायती दरों पर केवल दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नागरिकों के लिये ही सीधी मंडी से खरीदकर रियायती दरों पर बेच रही है।  सरकार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नागरिकों के अलावा देश के बाकी नागरिकों की कोई चिंता नहीं है। यदि चिंता होती तो हमारे भोपाल में भी हमें 80 रूपये किलो टमाटर नहीं खरीदने पड़ते।

    अब खबर ये है कि केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलेखाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामले ने टमाटर की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत देने के लिए 65 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से टमाटर बेचने के लिये राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) की वैन आज से 50 स्थानों पर उपभोक्ताओं के लिये ट्माटर उपलब्ध रहेगा। एनसीसीएफ मंडियों से सीधे टमाटर खरीदकर 65 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बाजार में उपलब्ध करा रही है। इस पहल का उद्देश्य आम लोगों को टमाटर की कीमतों में हाल ही में हुई वृद्धि से राहत देना और बिचौलियों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ को रोकना है। एनसीसीएफ देश भर के प्रमुख शहरों में आम लोगों को सरकारी बफर स्टाक से 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की आपूर्ति भी लगातार कर रहा है। लेकिन भोपाल में हमें तो 60 रूपये किलो की दर से ही प्याज खरीदनी पड़ रही है। अब सरकारी दावे पढ़कर बिना प्याज छीले ही आंख से जार – जार आंसू बह रहे हैं।

 

सरकारी हवाले से कहा गया है कि मंडियों में लगातार बड़ी मात्रा में टमाटर की आवक के बावजूद हाल के हफ्तों में टमाटर के खुदरा मूल्य में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। टमाटर के प्रमुख उत्पादक आंध्र प्रदेशकर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लंबी अवधि के मॉनसून के चलते बारिश और उच्च आर्द्रता के कारण हाल के हफ्तों में गुणवत्ता सम्बंधी चिंताएं पैदा हुई हैं। उच्च मांग वाले त्यौहारी सीज़न में टमाटर मौजूदा बढी हुई कीमत में बाज़ार के बिचौलियों की संभावित भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। एनसीसीएफ की पहल निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देनेमूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और उपभोक्ता हितों की रक्षा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। किसानों से सीधे जुड़कर और रियायती दर पर टमाटर की पेशकश करकेएनसीसीएफ आम लोगों के लिए कीमत में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

     सरकारी कथन अपनी जगह ठीक है लेकिन क्या टमाटर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी के नागरिकों को ही महंगे मिल रहे थे जो सरकार ने महंगा खरीदकर सस्ता बेचना शुरू कर दिया है। सरकार के हाथ बहुत लम्बे होते हैं। अब सरकार को चाहिए कि देश के सभी शहरों में रियायती दरों पर टमाटर उपलब्ध कराये।

(टमाटर और प्याज की बढ़ती कीमतों से पीड़ित एक उपभोक्ता)