डॉ. कमल किशोर दुबे की चार कृतियों का लोकार्पण आज

डॉ. कमल किशोर दुबे की चार कृतियों का लोकार्पण आज
भोपाल। साहित्य और जनसंपर्क के क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा चुके डॉ. कमल किशोर दुबे की हाल ही में प्रकाशित चार नई पुस्तकों का लोकार्पण आज शिवाजी नगर स्थित दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय अपरान्ह 4.30 बजे से आयोजित किया गया है। समारोह के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश लेखक संघ के संरक्षक एवं वरिष्ठ गीतकार डॉ. रामवल्लभ आचार्य, सारस्वत अतिथि तुलसी साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मोहन तिवारी "आनंद" होंगे। राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्त डॉ. उमा शंकर पचौरी कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
डॉ. कमल किशोर दुबे, पश्चिम मध्य रेलवे में वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी के पद पर भोपाल मंडल तथा जबलपुर मुख्यालय में अपनी सेवा के दौरान एक कुशल संप्रेषक, प्रभावी वक्ता और संवेदनशील साहित्यकार के रूप में पहचान बना चुके हैं। सेवानिवृत्ति के पश्चात वे पूर्णरूपेण साहित्यिक सृजन में सतत सक्रिय हैं। इससे पूर्व भी उनकी अनेक कृतियाँ — गीत, ग़ज़ल, कहानी, व्यंग्य तथा श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित श्रीहरि सरलगीता और चाणक्य नीति पर आधारित दोहावली पाठकों के बीच सराही जा चुकी हैं।
आज जिन पुस्तकों को लोकार्पण हो रहा है, वे हैं :-
1. मन के दर्पण में – एक गीत संग्रह, जिसमें 56 गीत विभिन्न भावनात्मक, सामाजिक और जीवनदर्शन से जुड़े विषयों पर रचे गए हैं।
2. मानव पुष्प समान है – दोहा सप्तशती, जिसमें 707 दोहे धर्म, अध्यात्म, राष्ट्रीय चेतना और समकालीन सामाजिक विषयों पर आधारित हैं।
3. शालीनता का अपहरण – व्यंग्य लेखों का संग्रह, जो समाज, राजनीति और आधुनिक जीवन की विडंबनाओं पर तीक्ष्ण, परंतु संतुलित हास्य के साथ कटाक्ष करता है।
4. असीम अलौकिक आनंदानुभूति - देवभूमि उत्तराखंड चारधाम यात्रा वृतांत – यह पुस्तक उत्तराखंड के चारधाम यात्रा का वृतांत है, जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्राओं को उनकी ऐतिहासिक और पौराणिक पृष्ठभूमि के साथ बड़े ही सरल, जीवंत और रुचिकर अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है।
इन पुस्तकों के प्रकाशन के साथ ही दुबे जी की प्रकाशित कृतियों की संख्या दस हो गई है। यह कार्यक्रम भोपाल के समस्त साहित्यकारों, साहित्य प्रेमियों, सहकर्मियों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े बुद्धिजीवियों की उपस्थिति में एक यादगार अवसर बनकर उभरेगा।