भारतीयों के साथ गलत व्यवहार न हो ये सुनिश्चित किया जा रहा है: जयशंकर
नई दिल्ली। अमेरिका में कथित रूप से अवैध रूप से रह रहे भारतीयों के डिपोर्टेशन से देश में बड़ा विवाद पैदा हो गया है। भारतीय नागरिकों ने दावा किया है कि उनके हाथ-पैरों में बेड़ियां बांधकर उन्हें सैन्य विमान से वापस भेजा गया। विपक्ष ने संसद में यह मुद्दा उठाते हुए मांग की है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को अमेरिका के साथ सुलझाए। इससे चलते विदेश मंत्री एस जयशंकर को सरकार की ओर मोर्चा संभालना पड़ा। वह राज्यसभा में आए और उन्होंने सभी सवालों का जवाब दिया। जयशंकर ने कहा, अमेरिका द्वारा निर्वासन का आयोजन और क्रियान्वयन इमीग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट (आईसीई) अथॉरिटी द्वारा किया जाता है। आईसीई विमान द्वारा डिपोर्टेशन के लिए जिस एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का इस्तेमाल करता है वो 2012 से प्रभावी है। इसके तहत संयम बरतने का प्रावधान है। हमें आईसीई द्वारा सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है।
जयशंकर ने कहा कि केंद्र सरकार डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से बात कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीयों के साथ गलत व्यवहार न हो। उन्होंने कहा कि यदि कोई देश अपने नागरिकों को अवैध रूप से विदेश में रहते हुए पाता है तो उसे उन्हें वापस लेना होगा। जयशंकर ने कहा, मैं दोहराता हूं कि पांच फरवरी को अमेरिका द्वारा भेजी गई उड़ान के लिए पिछली एसओपी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सबसे पहले, इमीग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट (आईसीई) अथॉरिटी पर एक नजर डालते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, आईसीई होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की दो प्रमुख एजेंसियों में से एक है। अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा (सीबीपी) डीएचएस की दूसरी प्रमुख एजेंसी है, जो अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश करने वालों को गिरफ्तार करती है। डीएचएस अमेरिका में इमीग्रेशन को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। सीबीपी जहां सीमा पर ध्यान केंद्रित करती है, वहीं आईसीई उन लोगों को हटाने का काम करती है जो अवैध रूप से देश में हैं। डिपोर्टेशन तब होता है जब कोई इमीग्रेशन जज निष्कासन का अंतिम आदेश सुनाता है। इसके बाद अवैध आप्रवासी को वाणिज्यिक विमान या आईसीई उड़ान के माध्यम से मेक्सिको के साथ दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर स्थित किसी एक स्थान पर ले जाया जाता है। इसके बाद अवैध आप्रवासियों को कुछ दिनों तक यहां रखा जाता है। बता दें कि बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप की अवैध अप्रवासियों पर कार्रवाई के तहत 104 भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिकी वायुसेना का एक विमान अमृतसर में उतरा। डिपोर्ट किए गए लोगों में से अधिकांश पंजाब, हरियाणा और गुजरात से थे।