केदारनाथ और गंगोत्री धाम के कपाट बंद  

देहरादून। आज सुबह भाई दूज के अवसर पर प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गये हैं जबकि प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के  कपाट अन्नकूट पर्व पर विधि-विधान पूर्वक शनिवार, 02 नवम्बर को  दोपहर 12:14 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। ।  

      बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शनिवार, 02 नवम्बर को प्रात: मंदिर परिसर पहुंची। इस अवसर पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय पंचमुखी उत्सव मूर्ति की पूजा-अर्चना में शामिल हुए। इससे पहले शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी ने श्री केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना की और देश भर से आए श्रद्धालुओं, स्थानीय दुकानदारों व सम्मानित पुरोहितगणों से बातचीत कर व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की । केदारनाथ धाम के कपाट आज 03 नवंबर को भाई दूज के पावन अवसर पर सुबह 08 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए । कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति विभिन्न पड़ावों में प्रवास के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
     इसके पहले कल शनिवार, 02 नवम्बर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को भंडार से बाहर लाया गया। पंचमुखी उत्सव मूर्ति को पुजारी शिवशंकर लिंग की ओर से स्नान कराया गया। धर्माधिकारी  औंकार शुक्ला वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने पूजा-अर्चना की और श्रद्धालुओं ने पंचमुखी उत्सव मूर्ति के दर्शन किये। मंदिर की परिक्रमा के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति डोली को मंदिर परिसर में विराजमान कर दिया गया।

                           विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर विधि-विधान पूर्वक शनिवार, 02 नवम्बर को दोपहर 12:14 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद अब छह माह तक मां गंगा अपने मायके मुखीमठ में मुखबा स्थित गंगा मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी। मां गंगा की उत्सव डोली शनिवार को मुखीमठ के लिए रवाना हो गई है, जो शीतकालीन पड़ाव मुखबा पहुंचेगी।
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के मौके पर धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। हर-हर गंगेजय मां गंगे के जयकारों से गंगोत्री धाम गूंज उठा। श्री पंच गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि शुक्रवार को दीपोत्सव के साथ मां भगवती गंगा के गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। उन्होने बताया कि मां गंगा की उत्सवडोली शनिवार को मुखीमठ के लिए रवाना हो चुकी है। मां गंगा की डोली मुखीमठ से तीन किलोमीटर पहले मारकंडे मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। उन्होने बताया कि तीन नवंबर, रविवार को भैया दूज के अवसर पर मां गंगा की डोली मुखीमठ गांव पहुंचेगी, फिर मां गंगा की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ शीतकालीन पड़ाव मुखबा लाया जाएगा। ऐसी स्थिति में अब शीतकाल तक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके मायके मुखीमठ में कर सकेंगे। यहां छह माह तक मां गंगा की पूजा अर्चना विधि विधान से की जाएगी ।

***************************